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ग्वालियर

चंबल नहर हर साल बहा ले जाती है दर्जनों लोग, अभी तक से चुकी है 51 की जान

51 people died in chambal river canal in sheopur : इसकी वजह यह है कि चंबल नहर के किनारों पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। जिस कारण आए दिन लोग नहर में गिरकर बह जाते हैं

ग्वालियरFeb 17, 2020 / 12:19 pm

Gaurav Sen

51 people died in chambal river canal in sheopur

51 people died in chambal river canal in sheopur

श्योपुर. चंबल मुख्य नहर यूं तो श्योपुर सहित मुरैना और भिंड जिलों के किसानों की जीवनदायिनी है। लेकिन हर साल दर्जन भर लोगों की नहर में डूबने से मौत हो रही है। इसकी वजह यह है कि चंबल नहर के किनारों पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। जिस कारण आए दिन लोग नहर में गिरकर बह जाते हैं। हालांकि विभागीय अफसर इस बारे में लोगों को जागरुक किए जाने की बात कहता है। मगर हकीकत में विभागीय लापरवाही के चलते लोग आए दिन चंबल नहर में बह जाते हैं। उल्लेखनीय है कि बीते चार साल में 51 लोगों की मौत चंबल नहर में डूबने से हो गई। यही वजह है कि नहर की पाल पर सुरक्षा के इंतजामात किए जाने की मांग कई बार उठ चुकी है।

श्योपुर में 150 किमी लंबी नहर, छह माह तक रहता है पानी
उल्लेखनीय हैकि राजस्थान के कोटा बैराज से निकलकर पार्वती एक्वाडेक्टर के रास्ते मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाली चंबल मुख्य नहर श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले के तीन लाख हेक्टेयर में रबी सीजन रकबे को सिंचित
करती है। इसके लिए नहर में जलप्रवाह अक्टूबर से प्रारंभ होता है, जो मार्च तक रहता है। लगभग छह माह तक नहर में जलप्रवाह रहता है, लेकिन जिले की सीमा में लगभग 150 किलोमीटर लंबाई में गुजरी नहर में सुरक्षा के समुचित उपाय नहीं है।

 

CASE 1 . ढोढर थाना क्षेत्र में 6 जनवरी की शाम को एक जीप बलावनी मोड़ पर असंतुलित होकर चंबल नहर में गिर गई। जिससे जीप में सवार महिला गीता बाई निवासी रघुनाथपुर की मौत हो गई।

CASE 2 . 18 जनवरी को दीपेन्द्र उर्फ शोभित कुशवाह 15 वर्ष की चंबल नहर में डूबने से मौत हो गई। दीपेन्द्र यूं तो सतना जिले का निवासी था। लेकिन यहां ढोढर में अपनी बहन के यहां रहता था।

CASE 3 . श्योपुर जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गिरधारीपुरा निवासी गिर्राज बंजारा 22 वर्ष गत 5 जनवरी को खेत से घर लौटते समय चंबल नहर में गिर गया और उसकी मौत हो गई।

CASE 4 . पीएचई विभाग का हेल्पर विनोद गौतम 55 वर्ष निवासी दीनदयाल नगर ग्वालियर भी 3 जनवरी को चंबल नहर में गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। इसका पता उसकी लाश मिलने पर चला।

 

शहरी सीमा में ज्यादा खतरा
चंबल नहर शहरी सीमा से भी होकर गुजरी है। जिसकारण शहरी सीमा में चंबल नहर में गिरकर डूबने की घटनाएं ज्यादा हो रही है। क्योंकि शहरी सीमा क्षेत्र में नहर के दोनों ओर लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है।

जनवरी माह में घटित घटनाएं
4 सालों में हादसे
वर्ष नहर में डूबे
2016 12
201708
201818
201913

चंबल नहर में गिरने से मौत होने के अब तक कई मामले सामने आ चुके है। नहर किनारे सुरक्षा इंतजाम हो, इसके लिए संबंधित विभाग को हम भी लिखेगे।
पीएल कुर्वे, एएसपी,श्योपुर

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