इस बार राज्य में नागरिकता संशोधन बिल और राज्य में विदेशी लोगों का अवेध आगमन जैसे बड़े चुनावी मुद्दे हैं। मतदाताओं का रुझान विधानसभा चुनाव में स्थानीय दल के पक्ष में था तो लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ हैं।
6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में
मिज़ोरम की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए कुल 6 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य में पहली बार विपक्ष कांग्रेस और ज़ेडपीएम ने लोकसभा सीट के लिए साझा उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया हैं। राज्य के चर्चित खेल पत्रकार और मिज़ोरम फूटबाल असोशिएशन के सचिव 42 वर्षीय तेतेआ मार को कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने साझा उम्मीदवार बनाया हैं। राज्य में सत्तारूढ़ एमएनएफ़ ने सेवानिवर्त पूर्व दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो विभाग में महानिर्देशक के पद रहे सी ललरोसांगा को प्रत्याशी बनाया हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार विरोधी और निगरानी स्वतंत्र जनसंगठन से राजनीतिक दल में रूपांतरित हुयी “प्रिज्म” ने नेवी कप्तान टीबीसी ललवेनछुङ्गा को प्रत्याशी बनाया हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में प्रिज्म पार्टी को सफलता नहीं मिली थी। पूर्व खनिज और खदान विभाग के उपनियंत्रक ललशिआतरेंगा छांगते निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे है।
पहली बार महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही हैं
पहली बार एक महिला प्रत्याशी भी निर्दलय के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। 1987 के बाद राज्य विधानसभा चुनाव में पहली बार 2014 में हुए एक उपचुनाव में कांग्रेस की महिला प्रत्याशी ने चुनाव जीता था। 2018 के विधानसभा चुनाव में 209 प्रत्याशियों में से 15 महिलाएं थी लेकिन एक भी महिला सफल नही हो सकी। श्रीमति ललथामुआनी राज्य में यहूदी इस्राइल समुदाय से आती हैं। राज्य में इस समुदाय की आबादी 20 हज़ार के लगभग हैं। राज्य के पिछले तीस साल के लोकसभा चुनाव इतिहास में पहली बार महिला प्रत्याशी बनी हैं। राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए जारी हुयी मतदाता सूची में 4 लाख 2 हजार महिला मतदाता हैं तो 3 लाख 81 हजार पुरुष मतदाता हैं। इस प्रकार महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हैं। मौजूदा लोकसभा में पूर्वोत्तर से 25 लोकसभा सदस्यों में मात्र 2 महिलाएं हैं।
भाजपा की राह आसान नहीं हैं
राज्य में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी उतारा है। पार्टी ने राज्य के अल्पसंख्यक चकमा समुदाय के निरूपम चकमा को मैदान में उतारा हैं। जो 5 बार विधायक रह चुके हैं। राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव इतिहास में बीजेपी के एक विधायक को सफलता मिली थी। निर्दलीय के तौर पर लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की हैं। हालांकि राज्य बीजेपी इकाई निरूपम चकमा की उम्मीदवारी से नाखुश हैं। फूटबाल खिलाड़ी से राजनेता बने बाईचुंग भूटिया ने कांग्रेस और ज़ेडपीएम के साझा उम्मीदवार तेतेय मार को समर्थन
दिया हैं।