84 वर्षीय शांति बाई मीना का आरोप है कि उसने पंचायत सचिव राजेंद्र सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर लेने के लिए आवेदन दिया था। बुजुर्ग महिला का आरोप है कि इसके एवज में पंचायत सचिव पांच हजार रुपये की मांग की। लेकिन जब मैं रिश्वत नहीं दी तो उसने डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। साथ ही इस योजना के लाभुकों की सूची से मेरा नाम हटाकर किसी और का जोड़ दिया।
शांति बाई को जैसी ही इस बात की जानकारी मिली तो जारी डेथ सर्टिफिकेट को लेकर जनपद ऑफिस पहुंच गई। वहां मौजूद अधिकारियों से पूछी कि मैं जिंदा हूं या मर गई, इस पर अफसरों ने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, मीडिया के सवालों से भी अधिकारी बचते रहे। महिला को वर्तमान में सरकार की कल्याणी योजना के तहत पेंशन भी मिल रही है। उसके बाद उशके फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है।
वहीं, बताया जा रहा है कि अधिकारी भले ही इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन आरोपी पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। इसे प्रकरण को लेकर उसे शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। मीडिया से बात करते हुए आरोपी पंचायत सचिव ने कहा है कि मैं इसमें निर्दोष हूं और यह सरपंच की साजिश हो सकती है।