scriptगुना बस हादसे के 11 मृतकों के शव DNA मिलान के बाद सौंपे गए, घरों पर शव पहुंचते ही मची चीख पुकार | Bodies of 11 dead in Guna bus accident handed over after DNA matching screams as soon as bodies reached homes | Patrika News
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गुना बस हादसे के 11 मृतकों के शव DNA मिलान के बाद सौंपे गए, घरों पर शव पहुंचते ही मची चीख पुकार

लगभग सभी शवों की हालत ऐसी नहीं है कि उनका अंतिम संस्कार हो सके। ऐसे में सभी मृतकों के परिजन का कहना है कि प्रतीकात्मक दाह संस्कार कर अस्थियां संबंधित नदियों में विसर्जित करेंगे।

गुनाJan 01, 2024 / 04:43 pm

Faiz

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गुना बस हादसे के 11 मृतकों के शव DNA मिलान के बाद सौंपे गए, घरों पर शव पहुंचते ही मची चीख पुकार

27 दिसंबर की रात गुना से आरोन जा रही सिकरवार बस सर्विस की बस क्रमांक एमपी 08 पी-0199 की डंपर से टक्कर के बाद भीषण आग लगने से बस में सवार 13 यात्रियों की जलकर मौत हो गई थी। इनमें से दो मृतकतों की शिनाख्त पहले ही हो चुकी थी, जिसके चलते पुलिस ने उनके परिजन को शव सौंप दिए थे। लेकिन 11 शेष मृतकों की शिनाख्त न हो पाते के कारण उनका डीएनए टेस्ट किया गया। जिसकी रिपोर्ट रविवार को सामने आने के बाद सभी 11 शवों की पुष्टि हो गई थी। इसके बाद सोमवार की सुबह पुलिस ने सभी मृतकों को अंतिम संस्कार के लिए शव परिजन को सौंप दिए हैं।


11 शवों की शिनाख्त न हो पाने के कारण पुलिस ने उनके परिजनों के के डीएनए सैंपल लेकर ग्वालियर स्थित फोरेसिंक लेब पहुंचाए थे। यहां से डीएनए के मिलान के बाद इनके शव सोमवार को सुबह के समय पोस्ट मार्टम हाउस से उनके परिजन को सौंप दिए गए हैं। सभी शवों को एम्बुलेंस के जरिए मृतकों के घर भेजा गया। पांच शवों को गुना स्थित जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस से और 6 शवों को शिवपुरी मेडिकल कॉलेज से रवाना किया गया।

 

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प्रीतीकात्मक होगा अंतिम संस्कार

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शिवपुरी से दो एम्बुलेंसों के जरिए 6 शव लाए गए थे, सुबह कोहरा होने की वजह से यह एम्बुलेंस गुना अस्पताल सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर पहुंचीं। जैसे ही शवों को मृकों के घर पहुंचाया तो लगभग सभी घरों में अपने मृतक को देख चीख पुकार मच गई। मृतकों के परिजन का कहना है कि मृत शरीर का दाह संस्कार प्रतीकात्मक करेंगे, बाकी उनका शव नदी विसर्जित करेंगे।


मच गई चीख पुकार

सबसे आखिरी शव सौरभ बाल्मीकि का सवा ग्यारह बजे करीब गया। आरोन में रहने वाले सक्षम कुशवाह की डेड बॉडी जैसे ही उसके घर पर पहुंची तो वहां उसके परिवार की महिलाएं दहाड़-दहाड़ कर रोने लगीं। 17 वर्षीय सक्षम इकलौता पुत्र था। वो अपनी बहन के साथ रोजाना गुना जाकर कोचिंग में पढ़ता था। उनके परिजन ने कहा कि हम सक्षम के शव को विसर्जित करने के लिए नर्मदापुरम जा रहे हैं।

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