प्रधानमंत्री मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय पीएम हैं। पीएम मोदी ने इससे पहले यूएई के शासक मोहम्मद बिन रशीद अल माकतौम जो कि संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति भी हैं के साथ मुलाकात की। इस दौरान पीएम ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ यूएई हमेशा मजबूती से खड़ा रहा है।
बता दें कि यूएई ने अप्रैल में पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा की थी। अबुधाबी के वलीअहद शहजादा मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान ने अप्रैल में एक ट्वीट करते हुए लिखा था ‘भारत के साथ हमारे ऐतिहासिक और व्यापक सामरिक संबंध रहे हैं, जिसमें मेरे अभिन्न मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इन संबंधों में और प्रगाढ़ता लाने का काम किया।’
पीएम मोदी की यूएई यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘इस पुरस्कार का नामकरण यूएई के संस्थापक शेख जायेद बिन सुल्तान अल नहयान के नाम पर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा था कि इस सम्मान का विशेष महत्व भी है, क्योंकि शेख जायेद की जन्म शती वर्ष में प्रधानमंत्री को यह सम्मान दिया जाने वाला है।’
दो बार यूएई की यात्रा कर चुके हैं पीएम मोदी
मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी बतौर पीएम दो बार यूएई की यात्रा कर चुके हैं, जबकि शेख मोहम्मद बिन जायेद भी बीते तीन सालमें दो बार भारत आ चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और यूएई के बीच गर्मजोशी से भरा, करीबी और बहुआयामी संबंध रहा है जो सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से भी जुड़ा है।
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गौैरतलब है कि यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दूसरे देशों के राष्ट्र प्रमुखों और राष्ट्रपतियों को दिया जाता है। 2007 में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, 2016 में महारानी एलिजाबेथ और 2018 में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है।
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