अभी तक का जो परिणाम सामने आए हैं उसके अनुसार, रूढिवादी बढ़त बनाते प्रतीत हो रहे हैं। राष्ट्रीय चुनाव समिति ( National election committee ) के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि शनिवार दोपहर तक ईरान के 41 संसदीय क्षेत्रों के 1,063,860 वोटों की गिनती हुई। अभी 167 संसदीय क्षेत्रों की गिनती बाकी है।
Iran Election 2020: कट्टरपंथी ताकतों को हो सकता है फायदा, 8 हजार से अधिक उम्मीदवारों का पर्चा रद्द
शनिवार को राज्य टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, संसद की 42 सीटों पर रूढीवादियों उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। तेहरान की 30 संसदीय सीटों में प्रमुख उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा की गई। ये सभी मोहम्मद बाघेर कलीबाफ ( Mohammad Bagher Qalibaf ) के नेतृत्व में चुनाव लड़े थे। कलीबाफ के अगले संसद अध्यक्ष होने की उम्मीद है।
समिति के प्रवक्ता इस्माईल मौसावी ( Committee spokesman Ismail Mousavi ) ने कहा, ‘हम अंतिम आंकड़े आज रात तक जारी करने की कोशिश करेंगे और अगर ज्यादा समय लगा तो फिर ये कल जारी होंगे।’ बता दें कि भले ही अभी आधिकारिक परिणाम आने में देरी है, लेकिन रूढ़िवादियों और अति रूढ़िवादियों से जुड़ी समाचार एजेंसियों ने अपने उम्मीदवारों की भारी जीत की संभावना जताई है।
आपको बता दें कि ईरानी जनरल कासिम सुलेमान ( Iranian General Qasim Suleiman ) के अमरीकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद से ईरान और अमरीका के बीच चल रहे तनाव के बीच पिछले शुक्रवार को मतदान हुआ था। हालांकि मतदान से पहले यह चुनाव विवादों में आ गया।
8 हजार उम्मीदवार अयोग्य घोषित
दरअसल, मतदान से ठीक पहले हजारों उम्मीदवारों को गार्जियन काउंसिल ने अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद से यह चुनाव विवादों में आ गया। लोगों ने आरोप लगाया कि मौजूदा हुकुमत को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हजारों उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराये जाने का फायदा ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयोतोल्लाह अली खामनेई के विश्वस्त कट्टरपंथी नेताओं को मिलेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि वे सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर पाने में सफल होंगे।
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बता दें कि मतदान के बाद और उससे पहले खामनेई ने अपील की थी कि अधिक से अधिक संख्या में लोग अपने घरों से निकलें और मतदान करें। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 16033 में से करीब आधे (8 हजार) उम्मीदवारों का पर्चा रद्द कर दिया गया।
50 फीसदी वोटिंग
चुनाव की निगरानी करने वाली संस्था गार्जियन काउंसिल के प्रवक्ता अब्बासाली कदखोदाई ने चुनाव से पहले भविष्यवाणी की कि मतदान लगभग 50 प्रतिशत होगा। शुक्रवार को राज्य टेलीविजन ने बताया कि ईरानी राष्ट्र ने बड़ी संख्या में मतदान करके अपने दुश्मनों को निराश किया।
2016 के संसदीय चुनाव में 62 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2012 में 66 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था।
सांसद बनने के लिए 20 फीसदी वोट हासिल करना जरुरी
आपको बता दें कि 290 सदस्यों वाली ईरानी संसद यानी मजलिस के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ। इस मतदान में कुल 57,918,000 लोग वोटिंग के लिए पात्र थे। इस चुनावी मैदान में इस बार करीब 8 हजार से अधिक उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
ईरान के कानून के मुताबिक किसी भी उम्मीदवार को सांसद बनने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र से कम से कम 20 फीसदी वोट हासिल करना होता है। 20 फीसदी वोट हासिल करने वाले उम्मीदवारों में से जिनके पास सबसे अधिक मत होता है उसे विजेता माना जाता है। ईरान की मजलिस का कार्यकाल चार साल का होता है।
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