फैक्ट्रियां 5 एकड़ में बनाई जाएंगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपए है। जिसमें प्रत्येक फैक्ट्री में 240-240 यूनिट होंगी। ये कारखाने छोटी कंपनियों, विशेषकर स्टार्टअप्स को कम पूंजी में अपना कारोबार शुरू करने का अवसर देंगे। इससे करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
इन बातों का रखा गया है ध्यान
परियोजना में इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है कि यहां पर अपना स्टार्टअप और अपनी फैक्ट्री शुरू करने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। इसलिए इसमें एक एक्जीबिशन सेंटर, कैफेटेरिया, रिटेल शॉप, 1,000 वाहनों की पार्किंग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। खास बात यह है कि ये क्षेत्र नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास है। यमुना प्राधिकरण इन यूनिट को काफी कम कीमतों पर उद्यमियों और अन्य कंपनियों को किराए पर देगा। प्राधिकरण की कोशिश है कि नया स्टार्टअप और छोटे एमएसएमई सेक्टर हजारों लोगों के रोजगार का साधन बन सकते हैं।
दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा भवन
निर्माण शुरू होने से लेकर भवन तैयार होने में लगभग दो साल लगेंगे। अधिकारियों ने कहा कि चार मंजिला फैक्ट्री का डिजाइन तैयार हैं और इसमें 60 वर्ग मीटर आकार की 126 इकाइयां, 90 वर्ग मीटर की 64 इकाइयां और 120 वर्ग मीटर की 50 इकाइयां होंगी। इस परियोजना को पूरा करने के लिए जल्द ही यमुना विकास प्राधिकरण की ओर से टेंडर जारी किया जाएगा। जिसमें डेवलपर का चयन किया जाएगा। यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा है कि इसी महीने टेंडर जारी किए जाएंगे। एजेंसी का चयन होने के बाद काम शुरू कर दिया जायेगा। फ्लैटेड फैक्ट्री में सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी और उद्यमी इन्हें किराए पर लेने के तुरंत बाद अपना काम शुरू कर सकेंगे।