दरअसल, ग्रेटर नोएडा केे बिसरख स्थित रावण मंदिर के पुजारी को राम मंदिर भूमि पूजन का बेसब्री से इंतजार है। पुजारी महंत रामदास का कहना है कि अगर रावण ना होता, तो कोई भी श्रीराम को नहीं जानता और अगर श्रीराम नहीं होते तो दुनिया को रावण के बारे में नहीं पता चलता। महंत रामदास राम मंदिर के शिलान्यास से बेहद खुश हैं। राम मंदिर के शिलान्यास के बाद लोगों में लड्डू बांटकर खुशी मनाऊंगा।
उन्होंने कहा कि सीता हरण के बाद रावण उन्हें अपने महल नहीं ले गए, वे उन्हें अशोक वाटिका ले गए। रावण ने माता सीता की सुरक्षा के लिए महिलाओं को तैनात किया। अगर भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है तो मेरा मानना है कि रावण भी लोगों की मर्यादा का ख्याल रखता था।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के बिसरख में रावण का ननिहाल है। यहां भव्य रावण मंदिर है। मान्यता है कि इस जगह रावण पूजा अर्चना किया करता था और मंंदिर में रावण द्वारा शिवलिंग की स्थापना की गई थी। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं। इतना ही नहीं, दशहरा का दिन गांव में रावण भी नहींं जलाया जाता है और इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।