परिषदीय स्कूलों में अधिकतर बच्चे क्लास बंक कर देते थे। घर से स्कूल के लिए निकलते है, लेकिन स्कूल नहीं पहुंचते है। अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। जिला प्रशासन ने क्लास बंक करने वाले छात्रों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। प्रशासन पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को ऐप के जरिए जोड़ रहा है। ऐप के जरिए अभिभावकों को मैसेज भेजकर बच्चों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। बच्चे की पढ़ाई की रिपोर्ट के साथ ही उसकी उपस्थिति के बारे में भी अभिभावकों को अवगत कराया जा रहा है।
ऐसे करेगा ऐप काम दरअसल में जिले में 471 प्राइमरी, 214 जूनियर हाईस्कूल है। इनमें करीब 82 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे है। बेसिक शिक्षा अधिकारी बाल मुकुंद ने बताया कि एनजीओ के साथ मिलकर जुबिलिएंट ऐप तैयार किया गया है। स्कूल जाने वाले छात्र की रोजाना ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज की जाती है। उपस्थिति दर्ज होने के बाद छात्र की डिटेंल परिजनों के पास पहुंच जाती है। साथ ही स्कूल न जाने पर भी उसकी जानकारी परिजनों को हो जाती है।
ऐसे मिली अभिभावक को जानकारी परिषदीय स्कूल में एक बच्चा पिछले एक माह से स्कूल नहीं जा रहा था। साथ ही वह घर से स्कूल के लिए निकलता था। लेकिन वह दोस्तों के साथ इधर-उधर घूमने के लिए चला जाता था। इसी दौरान अभिभावकों को ऐप से जोड़ दिया गया। ऐप से जुड़ने के बाद में परिजनों को उसकी हरकत के बारे में जानकारी मिली। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बाल मुकुंद ने बताया कि माने तो इस तरह के आए दिन मामले सामने आ रहे है। ऐप की मदद से छात्रों की उपस्थिति में सुधार हुआ है।