नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से बनने वाला यह हवाई अड्डा न सिर्फ पैसेंजर बल्कि कार्गों और मेंटिनेंस के मामले में भी रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। यहां से यूरोप, अमेरिका से लेकर चीन जैसे देशों से आयात निर्यात किया जाएगा। इसका वेस्ट यूपी के कारोबारियों को सीधा फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं इस एयरपोर्ट के बनने से निर्यात पहले के मुकाबले तेजी से बढ़ सकता है। नोएडा एयरपोर्ट की इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, अभी आईजीआई एयरपोर्ट से एनसीआर और आसपास के शहरों में बनने वाले औद्योगिक उत्पाद यूरोप, अमेरिका, चीन दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया में भेजे जाते हैं। इतना ही नहीं गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले से करीब 51 प्रतिशत उत्पाद इन देशों में आईजीआई एयरपोर्ट से भेजा जाता है, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने पर उस से भेजा जाएगा। इस से कारोबारियों को फायदा होने के साथ ही बनने जा रहे, इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी मुनाफा होगा।
कार्गों से लेकर जहाजों के मेंटिनेंस का अड्डा भी बनेगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
इतना ही नहीं दुनिया में पांचवा स्थान लेने जा रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में हवाई यात्रा के साथ ही देश का सबसे बड़ा कार्गों अड्डा बनेगा। इतना ही नहीं यहा हवाई जहाजों का मेंटिनेंस की सुविधा भी होगी। यह पांच हजार हैक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा। यह जमीन 35 गांवों की है। एयरपोर्ट बनाने के लिए इन गांवों को यहां से हटाया जाएगा। एयरपोर्ट बनने पर यहां से हर घंटे 24 विमान उड़ान भरेंगे। जिसमें लाखों लोग सफर कर सकेंगे।
एयरपोर्ट पास होते ही निवेश में जुटी कई देशी- विदेशी कंपनी
गौतमबुद्ध नगर के जेवर में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पास होते ही देश ही नहीं विदेशी कंपनियों ने भी निवेश की इच्छा जाहिर की। इतना ही नहीं कई मोबाइल कंपनियों ने एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में अपनी यूनिट लगाने के लिए जमीन ली है। वहीं यमुना प्राधिकरण यहां पर एनसीआर का सबसे बड़ा टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने जा रहा है। करीब 200 एकड़ जमीन प्राधिकरण द्वारा आवंटित करने की तैयारी की जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स की कई बड़ी कंपनियों द्वारा यहां निवेश के कारण इसे इलेक्ट्रॉनिक जोन घोषित किया जा चुका है।