747.50 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के हो रहे विकास में से 332.52 एकड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल, 72.86 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग और ईडब्ल्यूएस रेजिडेंशियल तथा 38.15 एकड़ में कमर्शियल लैंड यूज की गतिविधियां संचालित होंगी। वहीं, 300.97 एकड़ एरिया का विकास सेक्टर और साइट लेआउट प्लान रोड्स, साइकिल ट्रैक, एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग्स और हरित क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को विश्व स्तरीय मानकों के साथ किया गया है डिजाइन
सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में विकासशील इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के लिहाज से एक प्रमुख परियोजना है, जिसे विश्व स्तरीय मानकों के साथ डिजाइन किया गया है। नए जमाने की कार्यशैली के अनुसार यहां कार्यक्षमता व सौंदर्य के बीच संतुलन बनाया गया है। वैसे, परियोजना के अंतर्गत इंडस्ट्रियल पॉकेट रीजन में पहले से ही कई बड़े प्लांट्स संचालित हैं। इसके जरिए हजारों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा यह क्षेत्र मोबाइल कम्पोनेंट्स व इलेक्ट्रानिक आइटम्स के निर्माण क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल इंडस्ट्रियल लैंड यूज के 42 प्लॉट्स में से 17 बड़े प्लॉट्स आवंटित किए जा चुके हैं। जबकि, 25 प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी। इसी प्रकार, रेजिडेंशियल के 6 और कमर्शियल के सात प्लॉट्स की भी आवंटन प्रक्रिया को जल्द ही शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट टाउनशिप के अंतर्गत 240.22 एकड़ क्षेत्र में विभक्त 38 प्लॉट्स की भी आवंटन प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इसमें से 10 इंडस्ट्रियल प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया को इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा।