बारिश के थमने के चलते एनसीआर समेत यूपी के तमाम शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। बुधवार को नोएडा में एक्यूआई 144, ग्रेटर नोएडा में 224 और गाजियाबाद में 155 दर्ज किया गया। इसके अलावा दिल्ली का एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 154 रहा। जो अब तक सबसे ज्यादा है। हालांकि मौसम विभाग का यह भी कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों तक आंशिक तौर पर बादल छाए रह सकते हैं। जबकि बारिश होने के आसार बिल्कुल भी नहीं हैं। इसके इतर, गर्मी और उमस का दौर इसी तरह चलता रहा है।
बढ़ते प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां होने की संभावना रहती है। प्रदषण के कारण अस्थमा और कई अन्य फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना रहती है। इसके अलावा प्रदूषण से हार्ट डिजीज, स्किन एलर्जी और आंखों से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों की मौत प्रदूषण की वजह से होती है। हवा की गुणवत्ता बिगड़ने से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। आइए इस बारे में विस्तार से बताते हैं।
निमोनिया (Pneumonia): विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार निमोनिया एक आम समस्या है और इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। हाई प्रदूषण की वजह से इसके आसपास रहने वाले लोगों को निमोनिया होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
स्ट्रोक (Stroke): हाल के सालों में स्ट्रोक की समस्या काफी आम हो चुकी है। शहरों में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण की इसमें अहम भूमिका मानी जाती है। यानी बढ़ते प्रदूषण की वजह से कई युवाओं में स्ट्रोक का खतरा रहता है। इससे बचना चाहिए।
फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer): फेफड़ों का कैंसर विभिन्न कारणों से हो सकता है। इसके अलावा प्रदूषण के बढ़ते स्तर के आसपास रहने वाले लोगों को फेफड़ों का कैंसर होने का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ सकता है।
हृदय रोग (Heart Disease): वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि और तापमान के कारण हृदय रोग का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। हृदय रोग के कारण हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों को ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति बाधित होती है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
स्किन संबंधी परेशानी (Skin Disease): प्रदूषण की वजह से स्किन संबंधी परेशानी होने का खतरा रहता है। खासकर छोटे बच्चों में इस तरह की समस्या काफी ज्यादा देखी जाती है। प्रदूषण की वजह से स्किन पर रैशेज, खुजली होने की संभावना रहती है। इसके अलावा स्किन कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है।
1. मास्क जरूर लगाएं जैसे कोरोना की वजह से सभी लोगों से मास्क पहनना शुरू कर दिया था। इससे कई तरह के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।
2. हाथ जरूर धोएं प्रदूषण और धुआं हमारे हाथों पर भी रह सकता है। कोरोना काल में यह प्रैक्टिस शुरू हुई थी। इसे बनाए रखें।
3. स्वच्छ पानी पीएं इसके लिए साफ सूती कपड़े से पानी को पहले छान लें। दूसरा तरीका ये है कि पानी को गर्म करने के बाद ठंडा करके पीएं।
4. कपड़ों को रोजाना धोएं दरअसल, हम लोग दिनभर शहर की भागादौड़ी में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में हवा में मौजूद प्रदूषण के बारीक कण हमारे कपडों में चिपक जाते हैं। जो जरा सी लापरवाही के चलते हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
5. भाप लें अगर आपको सांस या फिर अन्य समस्या हो रही है तो तुरंत भाप लेना शुरू कर दें। इससे संक्रमण को शुरुआत में ही रोका जा सकेगा।
6. प्राणायाम करें रोजाना आधे घंटे का व्यायाम तो सभी के लिए जरूरी होता है। इससे कई तरह के संक्रमण स्वत: समाप्त हो जाते हैं।
7. पेड़-पौधे लगाएं हमारे आसपास स्वच्छ वातावरण के लिए पेड़ पौधों का होना जरूरी है। इसलिए अपने आसपास हरियाली बनाएं रखें।
8. विटामिन सी लें डॉक्टरों का कहना है कि विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है। इसलिए अपने आहार में इसे शामिल करें।