दरअसल, सीसीटीवी की तरह दिखने वाला बॉडी वार्न कैमरा पुलिस कर्मियों के वर्दी पर फिक्स हो जाता है और इसमें सारी गतिविधियाँ रिकॉर्ड होती जाती है। जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद का कहना है कि जेल परिसर में आए दिन संदिग्ध वस्तुओं मिलने के साथ बंदी व जेलकर्मियों के बीच नोकझोंक की ख़बरें मिलती रहती हैं। वहीं, कई बार तो नौबत हाथापाई और मारपीट तक आ जाती है। पूर्व में ऐसी घटनाएं सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत जेल कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे से लैस करने का फैसला लिया गया है, ताकि कैमरे में कैद फुटेज को साक्ष्य मानकर उसके आधार पर निष्पक्ष जांच की जा सके।
यह भी देखें: विकास प्राधिकरण के वेबिनार में खुलकर बोली महिलाएं उन्होंने बताया कि लुकसर जिला कारागार को अब तक 5 कैमरे मिल चुके हैं, जल्द ही अन्य पुलिस कर्मियों के लिए भी कैमरे उपलब्ध होने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार ने सभी जेलों में कर्मचारियों को बॉडी वार्न कैमरे से लैस करने का फैसला किया है। बैरक के पास तैनात कर्मचारियों को इससे लैस किया जाएगा। इन कैमरों में हर तरह की गतिविधियां कैद होंगी और पुलिसकर्मी को इसे हमेशा चालू रखना होगा।