मामूली विवाद से हुई शुरुआत एसटीफ ने सुनपुरा निवासी विवेक और ज्ञानेंद्र को थाना दादरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीफ की नोएडा यूनिट के डीएसपी राजकुमार मिश्रा के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला है कि इस जघन्य हत्याकांड की शुरुआत विवेक और धर्मी के बीच मामूली विवाद से हुई थी। दोनों के बीच गाड़ी को साइड देने को लेकर विवाद हुआ था। इसमें कुख्यात रणदीप भाटी ने धर्मी के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश की। धर्मी के ना मानने पर रणदीप ने इसे अपने वर्चस्व को चुनौती माना। उसने अपने गैंग के सहयोगियों भूपेन्द्र मोमंनाथल, बबली नागर, निंदर, रोपी और अन्य 8-10 सहयोगियों को धर्मी के घर भेजकर धावा बोल दिया। इसके बाद उसने अपहरण करके उसकी हत्या करवा दी। यूपी एसटीफ ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो और हथियार भी बरामद किए हैं।
बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है धर्मेंद्र भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता धर्मेन्द्र उर्फ धर्मी बादलपुर कोतवाली पुलिस का हिस्ट्रीशीटर था। वारदात वाले दिन वह अपने घर पर था। दो गाड़ियों में सवार होकर एक दर्जन से ज्यादा बदमाशों ने 4 जनवरी की रात पहले धर्मी के घर के बाहर कई राउंड फायरिंग की। उसके बाद वे धर्मी को उसके घर से उठाकर ले गए और लगभग एक किलोमीटर दूर ले जाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद बदमाश अपना वर्चस्व दिखाने के लिए धर्मेंद्र को दादरी कोतवाली क्षेत्र के ही रूपबास गांव की सड़क पर फेंककर फरार हो गए। बदमाशों द्वारा धर्मेंद्र को घर से उठाकर ले जाने की शिकायत दादरी कोतवाली पुलिस को दी गई थी। जब तक पुलिस कार्रवाई करती बदमाश उसे गोली मारकर फरार हो गए थे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।