साफ-सफाई पर खर्च होंगे 121 करोड़ रुपये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण गांवों व सेक्टरों में साफ सफाई पर 121 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इससे 124 गांवों को फायदा होगा। वहीं सेक्टर भी लाभान्वित होंगे। ग्रेटर नोएडा के गांव और सेक्टरों के अंदरूनी सड़कों की सफाई के साथ ही प्राधिकरण गांवों से निकलने वाले कूड़े को उठाकर प्लांट तक पहुंचाने, बल्क वेस्ट जनरेटरों के कचरे को उठाने और सेक्टरों का कूड़ा उठाने के इंतजाम में प्राधिकरण जुट गया है। प्राधिकरण ने इन कामों के लिए इच्छुक कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) मांगे हैं।
प्राधिकरण ने गांव व शहरों की अंदरूनी सड़कों की सफाई के लिए आरएफपी जारी कर दिया है, जिस पर चार साल में करीब 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्राधिकरण के अधीन 124 गांव आते हैं। गांव व शहर मिलाकर ग्रेटर नोएडा में रोजाना करीब 300 टन कूड़ा निकलता है। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण की ओर से शुरू की गई कवायद के बाद पहली बार इन गांवों से निकलने वाले कूड़े को कलेक्शन प्वाइंट से उठाने का विस्तृत प्लान तैयार किया गया है।
बड़े कूड़ा उत्पादकों के परिसर से निकलने वाले कूड़े को भी लखनावली स्थित प्लांट तक पहुंचाने का प्लान बनाया गया है। साथ ही केंद्रीयकृत प्रणाली से अब तक अलग रहे सेक्टरों को भी शामिल किए जाने की योजना है। इन तीनों कार्यों को करने वाली कंपनी का चयन करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल मांगे हैं। इसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 नवंबर है। कंपनी 10 साल के लिए चयनित की जाएगी।
22 नवंबर तक डॉक्यूमेंट करना होगा ऑनलाइन अपलोड सीईओ के निर्देश पर प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग ने कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल मांगे हैं। 22 नवंबर तक डॉक्यूमेंट ऑनलाइन अपलोड किया जा सकता है। www.greaternoidaauthority.in और https:/etender.up.nic.in पर जाकर डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं। बिड में सफल कंपनी सभी गांवों, अछूते सेक्टरों और बड़े कूड़ा उत्पादकों के कूड़े को उठाएगी। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कंपनी का चयन प्रक्रिया शीघ्र पूरा कर सेंट्रलाइज्ड वेस्ट कलेक्शन सिस्टम को शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं।