सोसायटी के निवासियों का कहना है कि सोसाइटी में जल का संकट मडरा रहा और मैनेजमेंट व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। कोई सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नहीं हैं। साथ ही बिल्डर द्वारा एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सोसायटी में रहने वाले सुहेल का आरोप है कि बिल्डर द्वारा हम लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। हम लोगों से मेंटिनेंस तो लिया जा रहा है लेकिन जो सुविधाएं हमें मिलनी चाहिए थी, वह हम लोगों को नहीं मिल रही हैं। जिसके चलते हम लोग बिल्डर के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और अगर अब भी हम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो हम लोग न्यायालय का सहारा लेंगे।
रेजिडेंट का कहना है कि बिल्डर से कई बार मिलने की कोशिश की जा चुकी है, लेकिन बिल्डर मिलने को ही तैयार नहीं है। वह बात करने के लिए उन लोगों को भेज देता है जो कोई भी फैसला लेने में स्वयं सक्षम नहीं हैं। जिसके चलते हम रेजिडेंट परेशान हैं। वही कुछ रेजिडेंट का यह भी कहना है कि यहां पर खुलेआम एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है। फायर इक्युप्मेंट काम नहीं करते हैं। वहीं एसटीपी का गंदा पानी बाहर नालियों में छोड़ा जाता है। जनरेटर से उड़ने वाला धुआं वायु को दूषित कर रहा है। आरोप है कि इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नही है।
इस मामले में इरोज सम्पूर्णाम सोसायटी के कारपोरेट कामनुकेशन व इरोज ग्रुप के मीडिया प्रभारी अलक्षेन्द्र सिंह का कहना है कि रेजिडेंट यहां पर आये थे। जिनकी कुछ समस्याएं थीं, जिसे मैनिजमंट द्वारा तसल्ली पूर्वक सुना गया और नॉट किया गया है। जिन्हें जल्द ही इरोज ग्रुप के मालिक के समक्ष रखा जायेगा और जल्द ही इनका समाधान किया जायेगा। वही कुछ इशूज इन लोगों के ऐसे हैं जो निराधार व बेबुनियाद हैं।