इस मौके पर प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह, राज्यमंत्री सुरेश राणा, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सांसद डॉ. महेश शर्मा, तीनों अथॉरिटी के सीईओ, डीएम व एसएसपी की मौजूद रहे। सीएम योगी ने तीन घंटे से अधिक तीनों अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ समीक्षा मीटिंग की। अथॉरिटी अधिकारियों ने बीते दो साल के कार्यों के बारे में सीएम को अवगत कराया। उसके बाद आने वाले दो साल में विकास का खाका तैयार किया गया। सीएम ने निर्देश दिए है कि जो उद्यमी प्लॉट लेने के बाद कंपनी नहीं लगा रहे हैं, उनके आवंटन रद्द तत्काल प्रभाव से कर दिया जाएं। दोनों शहरों में हाई क्लास सिक्यॉरिटी, ईको-फ्रेंडली सिस्टम, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्मार्ट विलेज बनाने के निर्देश दिए। सुखते ही नदी पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम ने अधिकारियों को जीर्णोद्धार के लिए निर्देश दिए। ठप हो चुकी ग्रुप हाउसिंग योजनाओं का शुरू करने के लिए उन्होंने तीनों अथॉरिटी से एक्शन प्लान की जांच की। सीएम योगी मिथक तोड़कर 9वीं बार आए हैं।
बैठक में मिनी सचिवालय बनने के मिले संकेत शुक्रवार को ग्रेनो अथॉरिटी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान जनता की आम समस्याओं पर मंथन किया गया। मीटिंग में मुख्य सचिव अनूप पांडेय भी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान ग्रेनो अथॉरिटी का सभागार मिनी सचिवालय में तब्दील हो गया। 2022 तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के कई बड़े प्रॉजेक्टों को लेकर लक्ष्य तय किया गया। राजनीतिक व प्रशासनिक अफसरों में मिनी सचिवालय बनाने की चर्चा रही। ऐसे संकेत मिले हैं कि आने वाले दिनों में वेस्ट यूपी का मिनी सचिवालय नोएडा या ग्रेटर नोएडा में बन सकता है। जिसके बाद लोगों को सीएम से मिलना और आसान हो जाएगा। दरअसल, देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी ग्रेटर नोएडा में बनाया जा रहा है।
बॉयर्स ने सौंपा ज्ञापन नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट बॉयर्स ने सीएम के सामने अपनी समस्या रखी। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द सरकार बिल्डर्स के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा कराये। ताकि उन्हें जल्द से जल्द अपना मकान मिल सके। बायर्स के संगठन नेफोमा और नेफोवा व बायर्स के अन्य ग्रुप ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने-अपने मांग पत्र सौंपे है। बायर्स ने कहा कि पहले ही कई बैठकों में भी आश्वासन ही दिए गए है, लेकिन कोई वादा पूरा नहीं किया गया है। समीक्षा बैठक में उन्होंने किसानों से लेकर बायर्स और बिल्डर तक की समस्याएं सुनी।
व्यापारियों और उद्यमियों ने उठाया सुरक्षा का मुद्दा व्यापारियों और उद्यमियों ने भी सीएम के साथ मीटिंग की। इस दौरान सीएम ने सुरक्षित माहौल दिलाने का आश्वासन दिया। उद्यमियों ने सुरक्षा के साथ—साथ लालफीताशाही से छुटकारे की मांग की थी। उद्यमियों ने कहा कि जेल में बंद बदमाश वॉट्सऐप कॉल करके रंगदारी मांगते हैं। न देने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। वहीं पुलिस व प्रशासन के अधिकारी नहीं सुनते है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाई जाए।