पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम फारूख उर्फ सफी, संजय, आकाश और मोहन हैं। ये सभी लोग एक गैंग के सदस्य है। मामले में एक आरोपी अमन फरार है। मृतक भी इनके ही गिरोह का सदस्य था। आरोपियों को शक था कि विवेक पुलिस की मुखबिरी करता था। एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा इलामारन जी ने बताया कि सभी बदमाशों ने औद्योगिक क्षेत्र की बंद फैक्ट्रियों में चोरी की थी। इसमें बदायूं निवासी विवेक भी शामिल था। हालांकि, पूर्व में किसी मामले में उसका नाम शामिल नहीं होने से वह पकड़ा नहीं जा सका था। इससे चारों आरोपियों को शक हुआ कि विवेक पुलिस का मुखबिर है। इसी वजह से जांच में उसका नाम नहीं आता है। इसके बाद उन्होंने विवेक की हत्या की योजना बनाई।
सेंट्रल एडिशनल डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि आरोपियों ने विवेक की हत्या की साजिश रची। 25 मार्च की रात बाहर घुमाने के बहाने विवेक को बुलाकर उसके सिर पर ईंट से वार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपी विवेक के शव को जलपुरा गांव के जंगल में ले गए। जहां उन्होंने शव को पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की।
यह भी पढ़ें-
बिकरू कांड में स्पेशल पाक्सो कोर्ट ने खुशी दुबे पर आरोप तय किए नेपाल भागने की फिराक में थे आरोपी इलामारन ने बताया कि सभी आरोपी डेरीन गांव में किराए के कमरे में रह रहे थे और नेपाल भागने की फिराक में थे। इसके लिए वह रुपयों के इंतजाम में लगे थे। उन्होंने बताया कि गिरोह सरगना फारूक के खिलाफ इकोटेक-3 थाने में गैंगस्टर एक्ट समेत छह मामले दर्ज हैं। इसके अलावा अन्य आरोपियों पर भी केस दर्ज हैं। पुलिस इन्हें पहले भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी।