IAS रानी नागर उत्पीड़न मामले में आगबबूला हुई मायावती, कहा- दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
Highlights
– हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस ऑफिसर रानी नागर के कथित उत्पीड़न मामले ने पकड़ा तूल
– बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र और हरियाणा सरकार से की उच्च स्तरीय जांच की मांग
– मायावती के पैतृक गांव गांव की रहने वाली हैं आईएएस रानी नागर
ग्रेटर नोएडा. हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस ऑफिसर रानी नागर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हरियाणा में रानी नागर के कथित उत्पीड़न मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि वह इसे केंद्र और हरियाणा सरकार के सामने जोरदार तरीके से उठाएंगी। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि रानी नागर ने अपने उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन समेत जान का खतरा बताते हुए लॉकडाउन के बाद इस्तीफा देने की बात कही है। इसलिए यह मामला अतिगंभीर है। सरकार को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने केंद्र और हरियाणा सरकार से आईएएस अधिकारी रानी नागर उत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह भी पढ़ें- Noida में जमाती समेत कोरोना संक्रमण के 3 नए केस और मिले, 112 पहुंची मरीजों की संख्या बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आईएएस अधिकारीरानी नागर उनके पैतृक गांव बादलपुर की बहन-बेटी हैं। उन पर साथ किसी तरह का अत्याचार नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर मूलरूप से गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर गांव की निवासी हैं। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती का पैतृक गांव भी बादलपुर है। बादलपुर के बसपा नेता और पूर्व मंत्री करतार सिंह नागर का कहना है कि रानी नागर ने हरियाणा के उच्च अधिकारियों के उत्पीड़न से परेशान होकर अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने लॉकडाउन के बाद नौकरी से इस्तीफा देने और बहन के साथ अपनी जान को खतरा बताया है।
रानी नागर के उत्पीड़न की जानकारी मिलने से बादलपुर के ग्रामीणों में रोष है। बसपा सांसद मलूक नागर, लोनी विधानसभा से पूर्व विधायक मदन भैया समेत कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केंद्र और हरियाणा के मुख्यमंत्री से आईएएस रानी नागर को न्याय दिलाने की मांग उठाई है। वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री करतार सिंह नागर ने बसपा सुप्रीमो को फोन कर मदद मांगी है, जिसके जवाब में बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे केंद्र और हरियाणा सरकार के सामने उठाने का आश्वासन देते हुए कार्रवाई की मांग की है।