पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम इस्माईल पुत्र सब्बीर खान, वाहिद पुत्र युनुस, फिरोज खान पुत्र युसुफ खान और दिनेश चन्द्र सुतार पुत्र बडी लाल बताएं हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड अर्सिल पुत्र रिसालद अभी फरार है। अर्सिल को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से लग्जरी कारों के सेंसर को निष्क्रिय करने और बदल कर कार को स्टार्ट करने में महारत हासिल है। ग्रेटर नोएडा की डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इन सभी को एक सूचना पर बल्ला की मडिया के पास वाहन चेकिंग के दौरान चोरी कि चार स्कार्पियो कार के साथ गिरफ्तार किया गया है।
डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उनका गैंग दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश से नए लग्जरी गाड़ियों की चोरी करता था और उन्हें ग्रेटर नोएडा साइट पांच स्थित एक फ़ैक्टरी में खड़ा करते थे। जहां चोरी किये गये वाहनों के इंजन नम्बर, चैसिस नम्बर को ग्राइन्डर से घिसवाकर अपनी तरीके से नये इंजन नंबर व चैसिस नम्बर इस प्रकार डलवाते है जो पहचान मे ना आ सके। आरोपी को निशानदेही पर पाँच स्कार्पियो, दो क्रेटा दो सैन्ट्रो दो बिटारा ब्रेजा समेत कुल 11 वाहन बरामद किये गए हैं।
ग्रुप के सदस्यों का काम बांटा हुआ था, इस्माइल और वाहिद वाहनों की चोरी करते थे जबकि फिरोज खान और दिनेश चंद्र वाहनों की बिक्री करने में मदद करते थे। इस्माइल और वाहिद मेरठ से वाहन चोरी में जेल जा चुके है, दिसंबर में जेल से छूट कर आए थे। आरोपियों जेल से आते ही मोदी नगर के अर्सिल का साथ मिल गया। अर्सिल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का खासा जानकार है और वह पांच मिनट में वाहन चोरी कर आरोपियों को थमा देता। उसकी मदद से आरोपियों ने ताबड़तोड़ चोरी की घटनाएं की। आरोपी से पूछताछ में यह भी पता चला है दिनेश और फिरोज ने एक ग्राहक से 20 वाहनों का सौदा किया था जिसकी डिलीवरी उन्हें राजस्थान और मध्य प्रदेश में की जानी थी। पुलिस मामले में कार का सौदा करने वाले आरोपी की तलाश कर रही है।