बच्चे की मौत के बाद में परिजनों ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया यह आरोप रावण के बाबा पुल्सत्य ऋषि ने तैयार किया था यह सरोवर रावण का जन्म ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में हुआ था। रावण के पिता विश्रवा ऋषि शिव की पूजा किया करते थे। विश्वरा ऋषि के पिता पुलसत्य ऋषि भी महान पंड़ित हुआ करते थे। पुलसत्य ऋषि ने ही सूरजपुर में सरोवर का निर्माण किया था। बताया जाता है कि सरोवर के पास में शिवमंदिर है। शिवलिंग की स्थापना भी पुल्सत्य ऋषि ने की थी। सरोवर में स्नान करने के बाद में पुल्सत्य शिव की अराधना किया करता था। शिव मंदिर सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि इस सरोवर में नहाने से सभी चर्म रोग दूर हो जाते है। मेले के दौरान आने वाले लोगों के लिाए खास व्यवस्था की गई है। यहां महिलाओं के लिए अलग से घाट तैयार किया गया है, जबकि पुरुषों के लिए अलग। उन्होंने बताया कि पुल्सत्य ऋषि के तपस्या करने से सूरजपुर का ऐतिहासिक महत्व रखता है। मेले के अलावा आम दिनों में भी यहां लोग तालाब में नहाने के लिए आते है।
भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती हैं इस मेले में सूरजपुर के बराही मेले में देशभर की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। एक तरफ जहां पुराने जमाने की चारपाई, हल व अन्य चीजें देखने को मिलेगी। वहीं बुजुर्गो का हुक्का भी खास है। साथ ही चौपाल भी बनाई गई है। यहां हरियाणा, राजस्थानी, मध्यप्रदेश, जम्मु कश्मीर, समेत देश के कोने-कोने से आए कलाकार संस्कृतिक कार्यक्रम का मंचन करते है।
8 अप्रैल तक आयोजित होगा कार्यक्रम शिव मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष धर्मपाल भाटी ने बताया कि 29 मार्च से लेकर 8 अप्रैल 2018 तक बराही मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में बेटी बचाओ, बेटी पढाओं व स्वच्छ भारत मिशन का संदेश दिया जाएगा। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी लोगोंं को जागरुक किया जाएगा।