राजपूतों के विरोध में उतरी ब्राहमण महासभा, फिल्म पद्मावती के दर्शकों को छूने पर दी हाथ काटने की धमकी
आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ यूपी, दिल्ली, इनकम टैक्स विभाग आदि में मामले चल रहे हैं। वहीं, बॉयर्स आए दिन अथॉरिटी और शासन से फ्लैट की मांग कर रहे हैं। उधर आम्रपाली कई प्रोजेक्ट्क्स का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं करा पाया है। इसकी वजह से और भी दिक्कतें खड़ी हो गई है। परेशान बॉयर्स कोर्ट तक जा पहुंचे। ऐसे में ग्रेनो अथॉरिटी यमुना की तर्ज पर बॉयर्स को राहत देने की तैयारी में जुटी है। एसीईओ बीके त्रिपाठी ने बताया कि आम्रपाली बिल्डर के बॉयर्स सबसे ज्यादा परेशान हैं। उन्होंने बताया कि आए दिन मिलने वाली शिकायतों को देखते हुए बिल्डर के खिलाफ शासन से अनुमत्ति मांगी जा रही है। उसके बाद में बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जेपी के खिलाफ यह लिया था फैसला
यमुना अथॉरिटी के अफसरों ने बोर्ड मीटिंग में जेपी की जमीन बेचकर बॉयर्स का पैसा लौटाने का फैसला लिया था। 7 हजार बॉयर्स को राहत देने के लिए अथॉरिटी शासन को प्रस्ताव भेज चुकी है। दरअसल, जेपी एसोसिएट पर 31 अगस्त 2017 तक अथॉरिटी का 344 करोड़ रुपए बकाया है, जबकि किसानों के बढ़े हुए मुआवजे के 4342 करोड़ रुपए देने हैं। बिल्डर्स से अथॉरिटी के वर्तमान रेट के सर्किल रेट के आधार पर जमीन वापस लेकर बॉयर्स को पैसा लौटाया जाएगा। जेपी ने अथॉरिटी के पैसा चुकाने में असमर्थ होने के कारण बुद्धा-1, बुद्धा-2, यमुना विहार और उड़ान जैसी हाऊसिंग स्कीमों के लिए अलॉट की गई जमीनों को सरेंडर कर दिया था। स्कीमों में निवेश करने वाले निवेशकों की रकम इस जमीन के लैंडयूज चेंजकर अथॉरिटी को लौटाना है।
परेशान हैं बॉयर्स
आम्रपाली बिल्डर के प्रोजेक्ट में 25 हजार से ज्यादा बॉयर्स के करोड़ों रुपए लगे हुए हैं। यूपी से लेकर दिल्ली तक आम्रपाली के खिलाफ बॉयर्स ने एफआईआर दर्ज कराई हुई है। दिल्ली और गौतमबुद्धनगर में बॉयर्स 310 शिकायत दर्ज कराई हुई है, लेेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अभी पुलिस ने अभी तक कार्रवाई नहीगई है। बॉयर्स को बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार है।