भगवान श्रीदूधेश्वर नाथ मंदिर के इस मठ पर सोमवार को करीब 1 किलोमीटर लंबी भक्तों की लाइन लग गई। सभी भक्तों ने भोले की जय जयकार के साथ जलाभिषेक शुरू किया। यहां सुबह करीब 3 बजे से ही भक्तों की लाइन लगने शुरु हो गई थी। भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई। इस दौरान पुलिस प्रशासन के अफसरों की तरफ से द्वारा गौशाला रोड से दूधेश्वरनाथ जाने वाली सड़क को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है।
सुरक्षा की दृष्टि से पूरे इंतजाम किए गए हैं। भारी संख्या में पुलिस बल देर रात से ही यहां तैनात कर दिया गया। मंदिर परिसर में भी करीब 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए सभी पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस प्रशासन के साथ-साथ मंदिर समिति की तरफ से भक्तों की सुरक्षा के लिए सैकड़ों की संख्या में वॉलेंटियर्स लगाए गए हैं। सभी भक्त बारी-बारी से अपनी बारी का इंतजार में लंबी कतार में देर रात से ही खड़े हुए दिखाई दिए।
मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी जी महाराज ने बताया कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की आराधना करने के लिए सबसे अच्छा महीना होता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान भोलेनाथ अपने सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। प्राचीन काल से ही खासतौर से श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की आराधना की जाती है। भोले के भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में स्थित यह मंदिर भगवान भोलेनाथ के प्रसिद्ध 8 मठों में से 1 मठ यह भी है। यहां पर रावण और उसका पूरा परिवार भी पूजा कर चुका है। इतना ही नहीं रावण ने पहला सर इसी मंदिर में चढ़ाया था। जिसके बाद भोलेनाथ की अपार कृपा रावण ने प्राप्त की थी। इस मंदिर में प्राचीन काल से ही भोले के भक्त भोलेनाथ की आराधना करते हैं।
यह है संयोग करीब 19 साल बाद ऐसा संयोग बन ररहा है, जिसमें सावन माह 28 या 29 दिन का नहीं बल्कि पूरे 30 दिन का होगा। सावन का पहला सोमवार 28 जुलाई को और आखिरी 26 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन होगा। सावन में चार सोमवार होंगे। पहला सोमवार 30 जुलाई को, दूसरा सोमवार 6 अगस्त को, तीसरा सोमवार 13 अगस्त को व चौथा सोमवार 20 अगस्त को पड़ेगा।