लघु उद्योग भारती के 20 प्रस्ताव पर खर्च होंगे 808 करोड़ रुपए, 4,670 लोगों को रोजगा इनमें तीन डॉक्टरों के नाम से पांच-पांच और एक के नाम से सात अस्पताल चालू किए जा रहे हैं। 27 डॉक्टर ऐसे हैं, जिनके नाम पर तीन-तीन अस्पताल और तीन डॉक्टर के नाम से चार-चार अस्पतालों का चालू किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डॉक्टरों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
पिछले दिनों भटहट के सत्यम अस्पताल में झोलाछाप व्यक्ति खुद को डॉक्टर बताकर मरीज का इलाज कर रहा था। इस दौरान एक गर्भवती की मौत हो गई थी। जिस डॉक्टर के नाम से अस्पताल का रेजिस्टर्ड था वह दिल्ली में रहता है।
उस अस्पताल को प्रशासन के काफी दबाव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया। डॉक्टर की खोज शुरू कर दी, लेकिन अब तक डॉ. सुनील कुमार सरोज की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
कई डॉक्टर ऐसे जो IMA के पूर्व पदाधिकारी
सूचि आने के बाद IMA में हड़कंप मच गया है। इसकी वजह है कि चुनाव लड़ने वाले एक पदाधिकारी के नाम पर पांच अस्पताल पंजीकृत हैं। इन्होंने विभाग को शपथपत्र दिया है कि वह सभी अस्पतालों में मरीजों की सेवा करते रहेंगे। इसके अलावा कई ऐसे डॉक्टर हैं, जो IMA के पूर्व पदाधिकारी रहे हैं। उनके नाम पर भी कई अस्पताल पंजीकृत हैं।
सभी डॉक्टरों को नोटिस जारी
CMO डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि एक डॉक्टर दो अस्पतालों के नाम पर पंजीकरण करवा सकते हैं। अगर दोनों अस्पतालों की दूरी 30 किलोमीटर के अंदर हो। इससे अधिक दूर होने पर पंजीकरण नहीं किया जा सकता है।
CMO डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि जांच में 153 डॉक्टर ऐसे मिले हैं जो एक से अधिक अस्पतालों में फुल टाइम डॉक्टर के रूप में पंजीकृत हैं। सभी डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है।
यदि समय पर जवाब नहीं देंगे या एक से अधिक अस्पतालों से अपना पंजीकरण निरस्त नहीं कराएंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस संबंध में NMC को भी पत्र लिखा जाएगा।