गोरखपुर. यूपी में तीसरे चरण के टीकाकरण (Covid Vaccination) की शुरुआत हो चुकी है। 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए एक मई से सात जिलों में टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है। मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ ही टीकाकरण को कोरोना से जंग जीतने में बड़ा हथियार माना जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि वैक्सीनेट होने के बाद कोई व्यक्ति दोबारा संक्रमित नहीं हो सकता। विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन लगवाने के बाद अगर कोई व्यक्ति लापरवाही बरतता है तो उसे वैक्सीनेशन के बाद भी उसमें संक्रमण फैल सकता है।
वैक्सीनेशन के बाद सावधानी सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय का कहना है कि टीका लगवाने के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। कोविड वैक्सीनेशन कोरोना से बचाव में मददगार है। वैक्सीनेशन करवाने वालों में तेजी से एंटीबाडी बन रही है। लेकिन इसमें लापरवाही बरतना नुकसानदेह साबित हो सकता है। अगर आप कुछ चीजों को नजरअंदाज करते हैं तो आप वैक्सीनेट होने के बाद भी कोविड पॉजिटिव हो सकते हैं।
वैक्सीनेशन के बाद यात्रा तमाम लोग वैक्सीन लगवाने के बाद खुद को सब कुछ करने के लिए खुद स्वतंत्र फील करते हैं। ऐसा नहीं है कि वैक्सीनेशन के बाद आप अपने दोस्तों संग घूम फिर सकते हैं या कहीं भी आ जा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस के नए-नए वैरिएंट का खतरा गंभीर है, जो हमारे सिर पर हावी हो सकता है। लिहाजा वैक्सीनेशन के बाद कहीं भी घूमना या ऐसी जगह जाना जहां वायरस के नए म्यूटेशन हो रहे हों, वहां जाने से बचना चाहिए।
कमजोर इम्यूनिटी वाले जिन लोगों का इम्यून सिस्टम वीक है और जो पहले से ही तमाम बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनमें वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड का खतरा बना रहता है। डॉक्टर के मुताबिक वैक्सीनेशन कोरोना वायरस से बचाव के लिए बेहतर विकल्प है। यह हमें गंभीर लक्षणों से बचाती है। लेकिन जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें शुरुआत के मुकाबले बाद में वैक्सीन लगवानी चाहिए।
रिकवरी के 4 से 8 हफ्ते बाद वैक्सीनेशन ऐसे लोग जिनका इलाज प्लाज्मा थेरेपी या एंटीबॉडीज से किया जा रहा है, उन्हें रिकवर होने के चार से आठ हफ्ते बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए, उससे पहले नहीं। अगर किसी व्यक्ति को बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर यानी खून से संबंधित कोई बीमारी हो या फिर कोई ट्रीटमेंट ले रहे हो उसे शुरुआती दिनों में कोरोना की वैक्सीन लेने से परहेज करना चाहिए।