30 नवंबर तक सभी कार्य खत्म हो जाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण के दौरान सबसे पहले आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण की भौतिक प्रगति की जानकारी ली। इस संबंध में आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से बातचीत करते हुए वह प्रशासनिक भवन पहुंचे। कुलपति ने बताया कि प्रशासनिक भवन में हॉस्पिटल भी अवस्थित है। मुख्यमंत्री ने जब इस भवन की पूर्णता को लेकर सवाल किए तो उन्हें बताया गया कि अभी इसमें लिफ्ट लगने और कुछ हद तक फाइनल फिनिशिंग का काम शेष है। इस पर सीएम योगी ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन दिसंबर में कराने की योजना है। इसलिए 30 नवंबर तक निर्माण और फिनिशिंग से बचे सभी काम खत्म हो जाने चाहिए।
ग्रीन कैंपस बने आयुष विश्वविद्यालय
सीएम योगी ने प्रशासनिक भवन के हाल और कमरों का अवलोकन किया और उसके बाद खुले परिसर में आ गए। उन्होंने परिसर में खाली पड़े हिस्सों में पौधरोपण कर इसे ग्रीन कैम्पस के रूप में विकसित करने और लैंड स्केपिंग के निर्देश दिए। उन्होंने यह हिदायत भी दी कि अभी से ऐसी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित करें, जिससे भविष्य में कभी भी परिसर में वाटर लॉगिंग न हो।
दस दिन में पूरा करें पद सृजन की प्रक्रिया
आयुष विश्वविद्यालय के संचालन को लेकर उन्होंने कुलपति और आयुष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सवाल किया कि इसे लेकर उनकी क्या तैयारी है। जानकारी लेने के बाद सीएम योगी ने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्णतः संचालन के लिए जितने भी पदों के सृजन की आवश्यकता है, उसकी प्रक्रिया अगले दस दिन में जरूर पूरी कर ली जाए। इसके साथ ही परिनियमावली बनाने का काम भी जल्द से जल्द फाइनल कर लिया जाए।
नेचुरोपैथी के 12 पाठ्यक्रम शामिल
मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे दक्षिण भारत के प्रमुख आयुष संस्थानों के पाठ्यक्रम मॉडल के बारे में भी जानकारी जुटाएं। यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय में परंपरागत के साथ यूनिक पाठ्यक्रम भी शुरू होने चाहिए। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की आगामी योजना में आयुर्वेद, होम्योपैथ, यूनानी, योग और नेचुरोपैथी के 12 पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है।निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक में आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, आनंद शाही, आयुष, लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी, एसएसपी आदि उपस्थित रहे।