आरएसएस शताब्दी वर्ष में कदम रख रहा है
इस मौके पर अपने संबोधन में प्रान्त प्रचारक ने कहा कि यह वर्ष महत्वपूर्ण है क्योंकि आरएसएस शताब्दी वर्ष में कदम रख रहा है। उन्होंने कहा कि देश राष्ट्र के चरित्र के कारण महान बनता है। उन्होंने कहा कि भारत का भाव हर किसी की मदद करने का है। उन्होंने अपने उद्बोधन में पंचप्रण की भी चर्चा स्वयसेवको के बीच विस्तार रूप से की पंचप्रण शताब्दी वर्ष में कार्य का आधार हैं।
बंगलादेश में पहली बार हिंदुओं ने की प्रतिक्रिया
इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया। प्रान्त प्रचारक ने कहा कि हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो हुआ उसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं लेकिन, उस अराजकता के कारण, हिंदुओं पर अत्याचार करने की परंपरा वहां दोहराई गई। पहली बार, हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे। लेकिन, जब तक क्रोध में आकर अत्याचार करने की यह कट्टरपंथी प्रवृत्ति होगी, तब तक न केवल हिंदू, बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में होंगे। उन्हें पूरी दुनिया के हिंदुओं से मदद की ज़रूरत है।
हिंदुओं को एकजुट और सशक्त होने की जरूरत
यह उनकी ज़रूरत है कि भारत सरकार उनकी मदद करे… अगर हम कमज़ोर हैं, तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहाँ भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की ज़रूरत है।कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरनाथ पाण्डेय ने किया। शस्त्र पूजन में नगर संघचालक नागेंद्र जी, भाग कार्यवाह सुधीर, भाग प्रचारक ओम नारायण विभाग शारीरिक प्रमुख दुर्गेश भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमरीश, सूरज, शीतल, राकेश, प्रदीप, महेश, अनूप, मुकेश, अमरदीप, अजीत जैन, विकाश सहित भारी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।