धुरियापार में बनेगा नया इंडस्ट्रियल एरिया गीडा में छह सौ से अधिक इकाइयां शुरू हो चुकी हैं। अब प्रशासन का पूरा फोकस लिंक एक्सप्रेस वे और धुरियापार में बनने वाले नए औद्योगिक क्षेत्र पर है। धुरियापार का नया औद्योगिक क्षेत्र 55 सौ एकड़ का होगा। इसमें पहले चरण में 1600 एकड़ क्षेत्र का अधिग्रहण किया जा रहा है। किसानों से बात हो चुकी है और अब उनसे जमीन की रजिस्ट्री कराई जा रही है।
विकसित करने के किए प्रतिष्ठित कंपनियों पर जोर हालांकि जब तक नामी-गिरामी कंपनियां यहां निवेश नहीं करेंगी, तब तक नोएडा जैसा औद्योगिक माहौल नहीं बन पाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए गीडा प्रशासन अदाणी समूह के संपर्क में है। समूह के प्रतिनिधि कुछ दिन पहले गोरखपुर आए थे। उन्हें लिंक एक्सप्रेस वे के अलावा धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में जमीन दिखाई गई थी।
कंपनी के प्रतिनिधियों को जो जगह पसंद आई वह सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन के किनारे है। बनवारपार और उरुवा क्रॉसिंग की बीच की यह जगह अभी रेल लाइन के ड्राइंग के अनुसार तय होनी है। फैक्टरी को ऐसी जमीन चाहिए, जहां तक रेलवे वैगन से कच्चा माल जा सके और तैयार माल भी दूसरे शहरों को भेजा जा सके।
नई रेल लाइन बनते ही चमकेगी धुरियापार की किस्मत बीते 30 नवंबर को गीडा के स्थापना दिवस समारोह में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए उद्यमियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद जरूरत के अनुसार फैक्टरी के लिए जगह भी देखी थी। सीमेंट की फैक्टरी लगाने वाले कई उद्यमियों को धुरियापार की जमीन पसंद आई।
सहजनवा-दोहरीघाट के बीच प्रस्तावित 81.17 किमी लंबी नई रेल लाइन के बनते ही धुरियापार इंडस्ट्रियल एरिया की किस्मत चमक जाएगी। इसी संभावना को देखते हुए गीडा प्रशासन ने यहां पहले चरण में 1600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण शुरू भी कर दिया है। सीमेंट लगाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि जमीन देखकर जा चुके हैं। रेल लाइन का निर्माण शुरू होने के साथ ही फैक्टरियों की गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी।
CEO गीडा CEO गीडा अनुज मलिक ने बताया की धुरियापार में अदाणी समूह समेत सात कंपनियों से सीमेंट फैक्टरी की स्थापना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा हो रही है। कई लोगों ने सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। सहजनवा-दोहरीघाट की प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से धुरियापार इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्टरी लगाने का काम शुरू हो जाएगा। प्रयास है कि नए साल की शुरुआत में कुछ कंपनियों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।