अब्बासी मानसिक रूप से था परेशान अहमद मुर्तजा अब्बासी के परिवार ने एटीएस को बताया कि, रैंगिंग की वजह से उसने आईआईटी का हॉस्टल छोड़ दिया था। वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया था। इस कारण उसे परिवार के साथ मुंबई में रखकर आईआईटी में पढ़ाया गया।
जेहादी वीडियो का शौकीन बताया जा रहा है कि, अहमद मुर्तजा अब्बासी यूट्यूब पर जेहादी वीडियो देखता था बल्कि जेहादी विचारों से जुड़ी हुई कई वेबसाइट भी सर्च करता था। अहमद मुर्तजा अब्बासी आईएसआईएस में शामिल होने की तैयारी भी कर रहा था। इसकी शुरुआती हनी ट्रैप के जरिए हुई थी। दरअसल मुर्तजा को एक लड़की का ईमेल आया था, जो कि आईएसआईएस कैंप का हिस्सा थी। वहीं, पता चला है कि उस लड़की ने अपना फोटो भेज कर मुर्तजा से भारत आकर मिलने का वायदा किया था।
हनी ट्रैप के जरिए बना शिकार लड़की के बताए गए बैंक अकाउंट में मुर्तजा ने तीन बार रुपए ट्रांसफर किए थे। वैसे इस मामले में पुलिस आरोपी के पिता और मां को भी तलब कर चुकी है। एटीएस ने मुर्तजा के चाचा और गोरखपुर के अब्बासी अस्पताल के मालिक डॉ. केए अब्बासी को भी पूछताछ और बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। वह एटीएस के पास तो नहीं गए, लेकिन ईमेल पर जवाब जरूर दिया है।
जब मुर्तजा को हुआ शक अब तक मिली जानकारी के अनुसार, 2 अप्रैल को अचानक मुर्तजा की सारी ऑनलाइन एक्टिविटी बंद हो गई थीं और इसके बाद उसी दिन दो लोग बैंक कर्मचारी बनकर मुर्तजा के घर पहुंचे और उसके बारे में पूछताछ की। खुद को बैंक कर्मचारी बताकर मुर्तजा पर 25 लाख रुपए के लोन की बात कही है। हालांकि जब मुर्तजा के परिवार वालों ने उनकी आईडी और बैंक लोन की डिटेल मांगी तो दोनों वहां से चले गए थे। इसके बाद मुर्तजा को शक हो गया था कि एजेंसियों की नजर उस पर है, इसलिए 2 अप्रैल की सुबह वो नेपाल निकल गया। हालांकि अगले दिन ही वह फिर से गोरखपुर आ गया। इस बात को लेकर एटीएस पूछताछ कर रही है।
गोरखनाथ मंदिर पर हमला मुर्तजा ने तीन अप्रैल की देर शाम गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर बांकी से हमला किया था। उसके ऊपर गोरखनाथ थाना में कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था और चार अप्रैल को गोरखनाथ पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड में लिया था।