जानिए किन परिस्थिति में होता है ब्लैक आउट
DM कृष्णा करुणेश के अनुसार, इस मॉकड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि युद्धकालीन परिस्थितियों में जिले की सभी सेवाएं और नागरिक सुरक्षा विभाग कितनी तत्परता से कार्य कर सकते हैं। इस अभ्यास में वायु सेना के संभावित हमले के दौरान आग बुझाने, घायलों को प्राथमिक उपचार देने, और इमारतों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के तरीके का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके जरिए
गोरखपुर प्रशासन की आपदा से निपटने की तैयारियों को भी परखा जाएगा।
प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में मॉकड्रिल की रूपरेखा तय
सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में DM कृष्णा करुणेश की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें वायु सेना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। वायु सेना के प्रतिनिधियों ने बताया कि मॉकड्रिल के लिए दिसंबर के पहले सप्ताह को उपयुक्त माना गया है, क्योंकि इसके बाद मौसम में बदलाव के कारण विमानों की उड़ान में कठिनाई आ सकती है।
तैयारियों पर हुई विस्तार से चर्चा
इस महत्वपूर्ण बैठक में नागरिक सुरक्षा, चिकित्सा, लोक निर्माण, अग्निशमन, आपूर्ति, संचार, शव निस्तारण, और अन्य आपातकालीन सेवाओं के प्रतिनिधियों ने मॉकड्रिल के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा की। डिप्टी कंट्रोलर सत्य प्रकाश सिंह ने नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस, स्वयंसेवकों की भर्ती, और आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण जैसे विषयों पर भी बैठक में चर्चा की।
दिसंबर माह में होगी यह मॉकड्रिल
DM ने कहा कि मॉकड्रिल से गोरखपुर में नागरिक सुरक्षा की तैयारियों को मजबूती मिलेगी। इसमें गोरखपुर के नागरिकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि किस प्रकार ब्लैक आउट जैसी स्थिति में वे सुरक्षित रह सकते हैं। इस आयोजन में DM के साथ अपर DM विनीत कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक उप नियंत्रक वेद प्रकाश, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, डिवीजनल वार्डेन और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।दिसंबर की इस मॉकड्रिल से न केवल प्रशासन की तत्परता का आकलन होगा, बल्कि गोरखपुर के नागरिकों को भी आपात स्थिति में सही कदम उठाने के बारे में जानकारी मिलेगी।