माइक्रोबायोलॉजी टीम की जांच में मिले खतरनाक वायरस
AIIMS ट्रामा सेंटर के ग्राउंड फ्लोर पर संचालित आईसीयू में छह बेड हैं। बताया जाता है कि करीब नौ दिन पहले एम्स के आईसीयू का संचालन करने वाली टीम के आग्रह पर माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने अलग-अलग हिस्से से नमूना लिया था। नमूनों की जांच रिपोर्ट तीन दिन में मिली। आईसीयू के एक बेड के पास मिले नमूने में खतरनाक बैक्टीरिया स्यूडोमोनास की पुष्टि हुई। बेड के पास मिले सैंपल में बैक्टीरिया का हाईग्रेड मिला था। इसके बाद ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने आईसीयू को अलर्ट कर दिया।
युद्ध स्तर पर चला विसंक्रमित करने का अभियान
एम्स प्रशासन ने आईसीयू को विसंक्रमित करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया गया। हर बेड के चारों तरफ सघनता से सफाई कराई गई। आईसीयू की दीवारों के कोने में भी केमिकल डालकर सफाई की गई। इसका असर भी हुआ है तीन दिन पहले हुई दोबारा जांच में बैक्टीरिया बेहद निचले स्तर का मिला है। इसके बावजूद सफाई अभियान जारी है। साथ ही आईसीयू में भर्ती के दौरान मरीज के साथ एंट्री कर जाने वाले तीमारदारों पर बाहर ही रोका जा रहा है।
खतरनाक बैक्टीरिया है स्यूडोमोनास
स्यूडोमोनास को खतरनाक बैक्टीरिया की श्रेणी में रखा जाता है। यह संक्रामक बैक्टीरिया होता है। डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए यह सबसे खतरनाक है। मरीज की इम्यूनिटी कम होने पर संक्रमण का कारक बन जाता है। इससे मरीज के कान, श्वसन तंत्र व पाचनतंत्र का संक्रमण हो सकता है। AIIMS के मीडिया प्रभारी डॉ. अरूप मोहंती ने बताया कि ICU में जांच की गई थी। एक बैक्टीरिया मिला। उसकी जानकारी आईसीयू संचालन करने वाली टीम को दे दी गई है। आईसीयू को चरणबद्ध तरीके से विसंक्रमित किया जा रहा है।