समाजवादी पार्टी की सरकार में भी हुई थी आउट सोर्सिंग पर नियुक्ति
यह पहली बार नहीं हो रहा है। समाजवादी पार्टी की सरकार में वर्ष 2012 से 2017 के बीच भी आउटसोर्सिंग पर एक सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार सतीश श्रीवास्तव की नियुक्ति की गई थी जो अभी भी काम कर रहे हैं। जुलाई, 2013 में उनकी नियुक्ति हुई थी।नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर निकाले गए विज्ञापन के बाद इंटरनेट मीडिया पर अखिलेश की पोस्ट का पलटवार करते हुए महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव ने ये बातें कहीं।
विज्ञापन में साफ उल्लेख है कि सेवानिवृत लोग रखे जाएंगे
महापौर ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि महानगर की जनसंख्या, दायरा और परियोजनाएं बढ़ने के साथ ही अन्य सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों की जरूरत महसूस होने पर इनकी संख्या बढ़ाने का निर्णय किया गया है। इसके लिए 19 नवंबर को तीसरी बार विज्ञापन निकाला गया, जिसमें साफ उल्लेख है कि सेवानिवृत्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पदों पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति की जानी है।
निगम के विज्ञापन पर अखिलेश यादव ने की भ्रामक टिप्पणी
सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर निगम के इस विज्ञापन को टैग कर जो टिप्पणी की गई है, वह पूर्णतया भ्रामक है और यह साबित करती है कि बिना तथ्यों की जांच के समाजवादी पार्टी के नेता, कार्यकर्ता आमजन को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति गुमराह करने का षडयंत्र कर रहे हैं।
जरूरत मुताबिक हर विभाग में होती है आउटसोर्सिंग पर भर्ती
महापौर ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए सिर्फ नगर निगम ही नहीं, बल्कि प्रदेश के तमाम विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण समेत कई बड़ी निजी कंपनियां तक सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों से आउटसोर्स पर सेवाएं लेती हैं।
अखिलेश यादव ने की थी यह टिप्पणी
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर नगर निगम गोरखपुर के विज्ञापन को टैग कर अपने पोस्ट में लिखा है- बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी ‘सरकार’ ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए। ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को खत्म करने का कुचक्र नहीं उठाना पड़ेगा।