पूर्व डीजीपी और कांग्रेस नेता करुणा सागर ने कहा “हर साल वर्ल्ड जेंडर पैरिटी रिपोर्ट जारी की जाती है। पिछले साल तक हम लोग 127वें पायदान पर थे। इस बार हम लोग कुल 146 देशों में से 129वें पायदान पर आ गए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है। हम देश की आधी आबादी को आज भी न्याय नहीं दे पाए हैं। आजादी के सात दशकों के बाद भी महिलाएं विकास के मोर्चे पर पिछड़ी हुई हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर मौन साधा हुआ है।”
मंत्रिमंडल में सिर्फ 8 फीसदी महिलाओं की भागीदारी
उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा “ये लोग बड़े ही जोरशोर से नारी वंदन शक्ति अधिनियम लेकर आए थे, लेकिन मंत्रिमंडल में महज 8 फीसदी महिलाओं को ही प्रतिनिधित्व मिला है। इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार महिलाओं के मुद्दे को लेकर तनिक भी संवेदनशील नहीं है। अगर होती तो महिलाओं की यह स्थिति नहीं होती। यह दावा तो कुछ और करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और होती है।”
कुलदीप सिंह सेंगर और बृजभूषण शरण सिंह के मामले गिनाए
उन्होंने कहा “यूपी के उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने महिलाओं के सम्मान की धज्जियां उड़ा दीं। यह मामला काफी सुर्खियों में रहा। इसके बावजूद महिला पहलवानों का भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह यौन शोषण करते हैं। जब महिलाएं इंसाफ के लिए सड़क पर उतरती हैं, तो दिल्ली पुलिस उनके साथ दुर्व्यवहार करती है। इतना ही नहीं, अभी हाल ही में बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर यौन शोषण के आरोप लगाए गए। इस पूरी प्रक्रिया से एक बात स्पष्ट है कि बीजेपी बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ पर विश्वास नहीं करती। वह महिलाओं के साथ दुराचार करने वालों को संरक्षण देती है, जिससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार के महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर किए गए दावे पूरी तरह खोखले हैं।”