मूलतः रगड़गंज गांव के लिलोई कला निवासिनी पूनम वर्मा की शादी विगत करीब बीस वर्ष पूर्व उमरी बेगमगंज थाना के गांव डिक्सिर निवासी धर्मपाल के साथ हुई थी। शादी के बाद काफी दिनों तक साथ रहने के बाद भी शराबी पति की हरकतों से परेशान इस महिला को अंततः अपने पति को बाय-बाय करना ही पड़ा। रिश्ता टूटने के बाद पूनम अपने पांच बच्चों के साथ जनपद मुख्यालय पर किराये के मकान में रहकर रिक्शा चलाकर अपने पांच बच्चों की परवरिश करती है। पूनम की मेहनत व दर्द भरी दास्तां सुनकर हर कोई हैरान हो सकता है। वर्तमान समय में एक ट्रांसपोर्ट से रिक्शे पर सामान की डिलवरी करते किसी भी समय शहर में इन्हें देखा जा सकता है। इनके पांच बच्चों में क्रमशः दो बेटे व
तीन बेटियां है। इन मुश्किलों के बाद भी पूनम अपने बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान दे रही है। गरीबी के कारण इनकी बड़ी बेटी अंजू महज कक्षा आठ तक पढ़ पाई। जबकि प्रकाश, आकाश, संजू व बिट्टी मुख्यालय के एक परिषदीय स्कूल
में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
पूनम ने बयां की दास्तां- पूनम ने बताया कि हमारे बच्चे भूखों मरने लगे। पति हमेशा शराब के नशे में बेहोश रहता था। बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे। यह चीज हमारे सहनशक्ति से बाहर थी। फिर हमने मेहनत करने का फैसला किया। और कोई रोजगार न मिलने के कारण पहले हम किराये का रिक्शा लेकर चलाने लगे। धीरे-धीरे कुछ पैसा बटोर कर स्वयं का रिक्शा खरीदा। विगत करीब चार वर्षों से हम सुबह से शाम तक रिक्शा चलाकर किसी तरह अपने बच्चों का पेट भरते हैं। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अब तक मुझे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है।