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गोंडा

यूपी में खसरा (रूबेला) का मुफ्त टीकाकरण अभियान 24 सितम्बर से होगा शुरू, 7.64 करोड़ बच्चों को बनाया गया लक्ष्य

यूपी में खसरा (रूबेला) रोकने के लिए 24 सितम्बर से रूबेला का मुफ्त टीकाकरण शुरू किया जाएगा।

गोंडाJul 16, 2018 / 04:27 pm

Mahendra Pratap

Khasra Rubella Free tikakaran abhiyan start from 24 September in UP

यूपी में खसरा (रूबेला) का मुफ्त टीकाकरण अभियान 24 सितम्बर से होगा शुरू, 7.64 करोड़ बच्चों को बनाया गया लक्ष्य

गोंडा. यूपी में जर्मन खसरा (रूबेला) रोकने के लिए 24 सितम्बर से रूबेला का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा। अभी तक सिर्फ खसरा रोकने के लिए ही टीका लगता रहा है। यह टीका खसरा यानि मीसल्स के टीके के साथ मिलाकर तैयार किया गया है। डॉ ए. पी. चतुर्वेदी, राज्य टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि यूपी में 24 सितम्बर से खसरे का टीका के साथ रूबेला का टीका लगाने की योजना है। यह अभियान 5 हफ्ते तक चलेगा जिसमें सूबे के सभी 75 जनपदों में 9 माह से 15 वर्ष तक के 7.64 करोड़ बच्चों का टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि खसरे के टीकाकरण के लिए अभी तक 9 माह पर एम-1 और 16 माह पर एम-2 टीका लगता रहा है। जिन बच्चों को पहले खसरा का टीका लग चुका है वो भी दोबारा यह टीका लगवा सकते हैं।

रुबेला एक व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यानि यह बीमारी हवा में काफी तेजी से फैलाती है। इसका वायरस सिर्फ इंसानों से ही फैलता है। रुबेला तेजी से फैलने वाली बीमारी है जिसके कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भपात की संभावना होती है। वैसे तो रुबेला से हल्का बुखार और रैश होती है लेकिन अगर गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी हो तो बच्चा दिव्यांग पैदा हो सकता है। इस स्थिति को कांजेनाइटल रूबेला सिंड्रोम (सी०आर०एस०) कहते हैं। ऐसे बच्चे में कान और आंख से दिव्यांग होते हैं या फिर दिमागी तौर पर कमजोर, कई बच्चों में यह मधुमेह का कारण भी बन सकता है और इन सबके लिए उम्र भर दवाई लेनी पड़ती है। इस बीमारी का डर सबसे ज्यादा उन देशों में होता है जहां बच्चों और महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं हुआ होता है।

रोंगटे खड़े करने वाली है यह बीमारी

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार दुनिया भर में 2014 में 1.15 लाख बच्चे खसरे से मरे थे और लगभग एक लाख बच्चे सी०आर०एस० से ग्रसित थे। भारत में 2005 में सी०आर०एस० से ग्रसित केवल 238 बच्चे थे जो 2014 में बढ़कर 4,146 हुए। इन बढ़ते हुए आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने मीजल्स रूबेला का टीका टीकाकरण अभियान में शामिल करने का फैसला किया। भारत में अब भी 38,000 के करीब बच्चे खसरे से जुड़े हुए कारणों से हर साल मरते हैं। जिन बच्चों को खसरा होता है उनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है और वह बार बार दस्त और निमोनिया जैसी बिमारियों का शिकार होते हैं। इन बच्चों की उम्र अमूमन 5 साल से कम होती है।

सरकारी तैयारी

टीकाकरण संबंधी इस अभियान की प्रस्तुति स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 जुलाई को मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय के सामने दी गई थी। जिसमें महिला एवं बाल विकास, गृह, पंचायती, ग्रामीण विकास, शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क, श्रम, खेल, रेलवे और अल्पसंख्यक विभाग के आलाधिकारी उपस्थित हुए। प्रस्तुति के दौरान अभियान को सफल बनाने की रणनीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार यह अभियान यूपी के अलावा अन्य प्रदेशों में भी शुरू किया जाना है। इसमें गुजरात में 16 जुलाई, झारखण्ड में 26 जुलाई, असम में 31 जुलाई, छत्तीसगढ़ में 6 अगस्त, दिल्ली में अगस्त माह, जम्मू-कश्मीर में सितम्बर व अक्टूबर माह में, त्रिपुरा में 5 सितम्बर, नागालैंड में 3 अक्टूबर, मेघालय मे अक्टूबर माह में, महाराष्ट्र में 14 नवम्बर व बिहार में 15 नवम्बर से टीकाकरण किया जाएगा। अब तक एम आर का टीका 9.20 करोड़ बच्चों को 20 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में लगाया जा चुका है।

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