Gonda News: डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार, और सहायक निबंधक सहकारिता अशोक कुमार मौर्य की एक संयुक्त टीम ने खाद की कालाबाजारी के खिलाफ छापेमारी की। छापेमारी के दौरान खाद की कालाबाजारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अधिकारियों की टीम ने जांच के दौरान पाया गया कि जिस गोदाम के लिए खाद भेजी गई थी। वह खाद दूसरे गोदाम पर उतार दी गई। यह कारनामा देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई।
पीसीएफ
गोण्डा बफर गोदाम से साधन सहकारी समिति लिमिटेड, लखनीपुर के लिए 14 एमटी 280 बोरी इफको डीएपी वाहन संख्या यूपी 32 आरएन 4233 में लोड किया गया था। यह खाद निर्धारित समिति के गोदाम पर पहुंचाई जानी थी। लेकिन ड्राइवर ने इसे गोड़वाघाट बाजार स्थित आईआईएफडीसी कृषक सेवा केंद्र पर उतारने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद लोगों ने इस संदिग्ध गतिविधि पर ध्यान देते हुए पूछताछ की। जिससे पता चला कि 11 बोरी डीएपी पहले ही उतारी जा चुकी थी। जबकि वाहन चालक मोनू बाकी बची। डीएपी के साथ मौके से फरार हो गया। डीएम का निर्देश मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार, और सहायक निबंधक सहकारिता अशोक कुमार मौर्य तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने आईआईएफडीसी केंद्र संचालक अमरेन्द्र कुमार तिवारी से गोदाम की चाबी मंगवाई और गोदाम की जांच की। जिसमें 11 बोरी इफको डीएपी बरामद हुई। बरामद खाद को पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया गया। इस प्रकरण में ड्राइवर मोनू, केंद्र संचालक अमरेन्द्र कुमार तिवारी और पीसीएफ के परिवहन ठेकेदार की मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी की साजिश का संदेह जताया गया। इसके चलते नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। सहायक आयुक्त सहकारिता अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि इस मामले की एक विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को प्रेषित की गई है।
डीएम बोली- खाद की कालाबाजारी करने वालों को दिया जाए कठोरतम दंड
डीएम नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया कि खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई का आदेश देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर कठोरतम दंड दिया जाएगा। डीएम ने अधिकारियों को लगातार निरीक्षण, जांच और छापेमारी करने के निर्देश दिये है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद सही तरीके से किसानों तक पहुंचे और कालाबाजारी पर लगाम लगाई जा सके।