Custom Hiring Center: उत्तर प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लॉन्च कर रही है। सरकार ने प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू योजना के अंतर्गत फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए कृषि यंत्रों का लक्ष्य जारी कर साइट खोली है। इच्छुक किसान कृषि विभाग की वेबसाइट
www.agriculture.up.gov.in पर आवेदन करके टोकन प्राप्त कर सकते हैं।
फार्म मशीनरी बैंक सेंटर खोलने के लिए मिलेगा 24 लाख का अनुदान
सरकार किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए 24 लाख का अनुदान दे रही। फार्म मशीनरी बैंक में 60 हॉर्स पावर ट्रैक्टर समेत विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए 30 लाख का प्रोजेक्ट है। 30 लाख के प्रोजेक्ट पर सरकार 80 प्रतिशत अनुदान दे रही है। इसका मतलब किसानों को फार्म मशीनरी बैंक खोलने के लिए 30 लाख के प्रोजेक्ट पर 24 लाख का अनुदान मिलेगा। किसानों को 6 लाख अपने पास से लगाना होगा।
कस्टम हायरिंग सेंटर पर मिलेगा 10 लाख का अनुदान
कस्टम हायरिंग योजना Custom Hiring Yojana जिसे शॉर्ट में सीएचसी (CHC) भी कहा जाता है। कोई भी किसान कस्टम हायरिंग केंद्र खोलकर छोटे-छोटे किसानों एक ही स्थान पर सभी तरह के किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के तहत ट्रैक्टर सहित विभिन्न कृषि यंत्रों के खरीद पर अधिकतम 25 लाख के प्रोजेक्ट पर 40 प्रतिशत यानी 10 लाख का अनुदान दिया जाता है। इसमें केंद्र सरकार 60% और राज्य सरकार 40% अनुदान देती है। लेकिन किसानों को अनुदान की धनराशि एक मुफ्त दी जाती है।
कस्टम हायरिंग केंद्र खोलकर किसान कर सकते अच्छी कमाई
कोई भी किसान अपने गांव में कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित कर सकता है। छोटे-छोटे किसानों को किराए पर कृषि यंत्र देकर प्रतिमाह अच्छी कमाई की जा सकती है। इसमें ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर,,हैरो आलू खोदाई मशीन, आलू बोआई मशीन, चेप कटर, रीपर कम बाइंडर, चैफ कटर, स्ट्रा रीपर, आदि मशीन की खरीद पर अनुदान पाने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन करें।
उपनिदेशक कृषि बोले- किसान 20 दिसंबर तक कर सकते आवेदन
उपनिदेशक प्रेम कुमार ने बताया कि कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। कोई भी किसान 20 दिसंबर तक कृषि विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करके टोकन प्राप्त कर सकता है। इसमें फार्म मशीनरी बैंक पर 80 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर पर 40% का अनुदान दिया जाता है।