इस ट्वीट में ऋषि सुनक ने बताया था कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह बीफ और भेड़ के बच्चे पैदा करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करेंगे। अब लोग उनके पुराने पोस्ट को शेयर कर सवाल कर रहे हैं कि एक तरफ वह गाय की पूजा करते नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ ब्रिटेन के बीफ उद्योग को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उनकी यह कहते हुए तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने कहा कि लोगों के खाने के चुनाव को उनकी स्वतंत्रता पर छोड़ा।
सोशल मीडिया पर चल रही इस डिबेट के बीच यह जानना जरूरी है कि ऋषि सुनक ने आखिर उस दिन कहा क्या था। बीफ के मसले पर सुनक ने 30 जुलाई को अपना रुख तब क्लियर किया था, जब वो प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचार कर रहे थे। इस दौरान एक ट्वीट में उन्होंने बताया था कि अगर वे ब्रिटेन के पीएम चुने जाते हैं तो वे स्थानीय मांस उद्योग को बढ़ावा देंगे। गोमांस और भेड़ के बच्चे पैदा करने वाले किसानों को बढ़ावा देंगे।
सुनक ने इस ट्वीट के साथ द टेलीग्राफ को दिए गए इंटरव्यू को भी शेयर किया था। सुनक ने तब वादा किया था कि वह किसानों की जमीन बेचना बंद कर देंगे। वह ब्रिटेन में कृषि योग्य भूमि को कम नहीं होने देंगे। द टेलीग्राफ के इंटरव्यू में ऋषि सुनक ने कहा था- ग्रामीण सांसद होने के नाते मैं समझता हूं कि प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना कितना जरूरी है। मैं हमेशा किसानों के साथ खड़ा रहूंगा। मेरे क्षेत्र में सैकड़ों किसान बीफ और भेड़ के मांस के लिए जानवरों को पालते हैं और मैं उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
इसी दौरान ऋषि सुनक ने आगे कहा था कि लोगों की खाने की पसंद उनकी अपनी है। मेरी सरकार में पशुपालकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। मैं कृषि के क्षेत्र में ऐसे सुधार करूंगा जो पिछले 50 वर्षों में नहीं हुआ होगा। हमें बताया गया है कि किसी देश के लिए घरेलू खाद्य उत्पादन कितना महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदू धर्म को मानने वाले सुनक खुद बीफ नहीं खाते हैं। लेकिन देश भर में ‘स्थानीय भोजन’ खरीदने के लिए अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि वह डाउनिंग स्ट्रीट पर एक वार्षिक ‘खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन’ भी आयोजित करेंगे। इस दौरान स्थानीय मांस खाने के फायदे बताए जाएंगे।