बता दें कि पीड़ित महिला सुनीता अपनी 5 बेटी और एक बेटे के साथ थाना विजयनगर इलाके की भीम नगर कॉलोनी में रहती है। सुनीता का पति नोएडा स्थित एक एमएनसी कंपनी में जॉब किया करता था, लेकिन सुनीता के पति देवराज सिंह की कुछ समय पहले ही कैंसर से मौत हो गई थी। उसके बाद महिला ने 11 दिसंबर 2018 को अपनी बड़ी बेटी की शादी शाहपुर बम्हेटा मानसरोवर पार्क निवासी 26 वर्षीय जॉनी चौधरी पुत्र धर्म सिंह चौधरी के साथ की थी। सुनीता का आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद ही उसकी बेटी के साथ ससुराल पक्ष के लोगों ने दहेज कम लाने को लेकर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। बहरहाल शादी से महज 11 दिन बाद ही उसकी ससुराल पक्ष के लोग बेटी को उसके घर वापस छोड़ गए।
इसके बाद सुनीता के पड़ोस में रहने वाले अजय, लकी और आकाश उसके संपर्क में आए और सुनीता को उसकी बेटी को न्याय दिलाने की बात कहते हुए उसे झांसे में ले लिया। तीनों कभी पुलिस के आला अधिकारी बनकर फोन पर आवाज बदलने वाली ऐप के जरिए सुनीता से बात करते थे। दसवीं पास आकाश अपने आपको जज बताता था। हर बार न्याय दिलाने की बात कहकर और कड़कड़डूमा कोर्ट में मामला दर्ज कराए जाने के नाम पर पैसे लेने लगे। इस तरह आरोपियों ने सुनीता से 13 लाख रुपए ठग लिए। मोटी रकम देने के बाद भी जब न्याय नहीं मिला तो सुनीता ने थाना विजय नगर पुलिस से शिकायत की। इसके बाद तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पीड़िता का कहना है कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा है। शादी के लिए उसकी अन्य तीन छोटी बेटियां और एक सबसे छोटा बेटा भी है। घर में कोई कमाने वाला भी नहीं है, पति की मौत के बाद जो पैसा मिला उसे उसने दो बेटियों की शादी में लगा दिया। वहीं, बेटी को न्याय दिलाने के लिए अपनी जमीन भी बेच डाली। जब पैसा कम पड़ा तो मकान भी गिरवी रखा दिया।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए थाना अध्यक्ष नागेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करते हुए गहन जांच की गई तो महिला की शिकायत सही मिली। पुलिस ने आरोपी अजय, आकाश और लकी को गिरफ्तार कर लिया है और तीनों ने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया है।