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गाज़ियाबाद

खतरे से खाली नहीं स्कूली बसों में बच्चों का सफर

परिवहन विभाग की जांच में 125 बस नहीं उतरी मानकों पर खरी

गाज़ियाबादApr 08, 2018 / 02:02 pm

virendra sharma

arto
गाजियाबाद. स्कूलों में चलने वाली बसों की फिटनेस को लेकर शासन गंभीर है। गाजियाबाद संभागीय परिवहन विभाग की तरफ से जनपद के सभी स्कूल संचालकों को बसों की फिटनेस कराने के निर्देश जारी किए है। कमला नेहरु नगर ग्राउंड में रविवार को संभागीय परिवहन विभाग ने स्कूली बसों की फिटनेस के लिए निरीक्षण किया। इस दौरान जनपद की कुुुल 712 बस फिटनेस के लिए पहुंची। फिटनेस के लिए सर्वोच्च न्यायालय के नियम के अनुसार कुल 11 बिंदुओं पर जांच की गई। मानकों को पूरा न करने वाली करीब 125 बसों के मालिक को नोटिस जारी किया गया है।
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स्कूलों में चलने वाली बसों के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने गाइंडलाइन जारी की हुई है। जांच के दौरान कई बार विभागीय अफसरों के संज्ञान में आया है कि कुछ स्कूली बस संचालकों की तरफ से मानक पूरे नहीं किए जा रहे है। मानक पूरा न होने पर बस आॅपरेटर बच्चों के जीवन के साथ में खिलवाड़ करते है। कई बार बड़े हादसे भी हो चुके हैं। बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए शासन ने संभागीय परिवहन विभाग को स्कूल बसों के मानकों को पूरा करने के उद्देश्य से सभी शैक्षणिक संस्थाओं में चलने वाली बसों की फिटनेस किए जाने के निर्देश जारी किए हैं। जिसके चलते गाजियाबाद की संभागीय परिवहन विभाग द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपने स्कूल की बसों की फिटनेस के लिए नोटिस दिया। जिसके आधार पर रविवार को सुबह से ही गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर ग्राउंड में बसों का जमावड़ा लग गया। जहां पर संभागीय परिवहन के अधिकारियों ने बसों की फिटनेस के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय किए गए कुल 11 बिंदुओं की एक चेक लिस्ट बनाई और सभी बसों का पूरा निरीक्षण किया गया। इस दौरान विभागीय कर्मचारियों ने बस के कागजात से लेकर सभी 11 बिंदुओं पर बसों की जांच की।
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एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह और एआरटीओ आर.के. सिंह खुद मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि बसों के निरीक्षण के लिए कुल 11 बिंदुओं की एक चेक लिस्ट तैयार की गई है। मानकों के आधार पर कोई खामी नजर आती है तो मौजूद वाहन स्वामी व चालक को पूरा करने के लिए 1 सप्ताह का नोटिस दिया गया है। 1 सप्ताह बाद दोबारा से संभागीय परिवहन कार्यालय में जाकर फिटनेस की एनओसी वाहन आॅपरेटर को लेनी होगी। 712 बसों मेंं से 125 बसों के मानक पूरे नहीं मिले है। एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद गाजियाबाद में शैक्षणिक संस्थानों में कुल करीब 1400 बस रजिस्टर्ड है।
स्कूल बसों की जांच के लिए कुल 11 बिंदु इस प्रकार हैं

1. बस पर स्कूल बस लिखा है या नहीं।
2. बस की बॉडी पर स्कूल का नाम एवं फोन नंबर लिखा है या नहीं।
3. बस की खिड़की पर क्षैतिज ग्रिल या जाली लगी है या नहीं।
4. बच्चों के चढ़ने या उतरने के लिए दरवाजे पर फुट बोर्ड लगा है या नहीं।
5. सीट के पीछे या नीचे स्कूल बैग रखने की जगह है या नहीं।
6. बस में अग्निशमन लगा है या नहीं।
7. स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स है या नहीं।
8. बस में स्पीड गवर्नर लगा है या नहीं।
9. इमरजेंसी गेट लगा है या नहीं।
10. प्रेशर हॉर्न लगा है या नहीं।
11. अन्य;—
– बस का रंग पीला है या नहीं ,बस साफ-सुथरी है या नहीं ,बस का प्रदूषण है या नहीं, चालक वर्दी में है या नहीं, चालक की आंख की रोशनी सही है या नहीं, बस के पूरे कागजात है या नहीं, बस में दोनों तरफ साइड शीशे लगे हैं या नहीं, आदि तमाम ऐसे बिंदु हैं जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार सभी स्कूल बसों को पूरा करना होगा।

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