scriptGhaziabad: सांस के मरीजों को अब नहीं किया जाएगा रेफर, तैयार हो रहा 60 बिस्तर का अलग वार्ड | Separate ward for respiratory patients in MMG Hospital Ghaziabad | Patrika News
गाज़ियाबाद

Ghaziabad: सांस के मरीजों को अब नहीं किया जाएगा रेफर, तैयार हो रहा 60 बिस्तर का अलग वार्ड

Highlights
– महानगर के लोगों के लिए राहतभरी की खबर
– लगातार आ रहे मरीजों को देखते हुए लिया गया फैसला
– 60 बिस्तर के वार्ड में मरीजों को मिलेंगी सभी सुविधाएं

गाज़ियाबादJun 11, 2020 / 12:56 pm

lokesh verma

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गाजियाबाद. महानगर के लोगों के लिए एक राहत की खबर है। अब सांस के मरीजों के मरीजों का जिला अस्पताल में ही इलाज किया जाएगा। उनके लिए अब जिला अस्पताल में 60 बिस्तर का एक्यूट रेस्पेटरी इंफेक्शन वार्ड अलग से बनाया जा रहा है, जिसके बाद जिला अस्पताल से सांस के मरीजों को रेफर नहीं किया जाएगा।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल में अभी तक सांस के मरीजों की चिकित्सा के लिए पूरे संसाधन नहीं होने के कारण उन्हें रेफर कर दिया जाता था, लेकिन अब जिला अस्पताल में 60 बिस्तर का एक अलग से वार्ड बनाया जा रहा है, जिसके बाद सांस के मरीजोंं का इलाज भी संभव हो जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में मरीज को बाई पैक मशीन के जरिए ऑक्सीजन थेरेपी दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर वेंटिलेटर पर भी रखा जाएगा। इसके लिए एमएमजी अस्पताल में पिछले कई साल से बंद पड़े बर्न वार्ड में व्यवस्था की जा रही है। ऐसे मरीजों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने तक अस्पताल में रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासन से आए अधिकारी और प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल में दो वेंटिलेटर हैं। उन्हें अस्पताल में बंद पड़े बर्न वार्ड में लाया जा रहा है। जहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसलिए मरीज को यदि आराम नहीं आता तो उसे बर्न वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल जिला अस्पताल में इस तरह के रोजाना 10 से ज्यादा ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। अभी तक इन सभी मरीजों को मेरठ रेफर कर दिया जाता है, लेकिन अब इस तरह के मरीजों के लिए जिला एमएमजी अस्पताल में दो ऑक्सीजन मशीनें भी लगाई गई हैं। इसके साथ ही अस्पताल में वेंटीलेटर संचालित करने के लिए दो एनेस्थेटिस्ट की भी नियुक्ति की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा दो अलग वॉर्ड भी तैयार किए जा रहे हैं। मरीज के आने पर उनके सैंपल लिए जाएंगे। इसके बादू ट्रू मशीन से जांच की जाएगी, जबकि दूसरा सैंपल मेरठ भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने तक मरीज को अस्पताल में ही भर्ती करके उपचार किया जाएगा। यदि मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे कोविड अस्पताल में रेफर किया जाएगा और यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसका अस्पताल में ही उपचार जारी रखा जाएगा।

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