बता दें कि इस संस्था के द्वारा पिछले 6 साल से गाजियाबाद में शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान की मांग की जा रही थी।जिसका रास्ता अब साफ हो गया है। जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद में ईसाई समुदाय के लोगों की काफी संख्या है।लेकिन इन लोगों के शव को दफनाने के लिए कोई पर्याप्त स्थान यहां नहीं था। इसके लिए ईसाई समुदाय की संस्था ने सन 2014 में कब्रिस्तान दिए जाने की मांग की थी।
नगर निगम ने 2019 में अर्थला में ही करीब सात हजार वर्ग मीटर जमीन दी थी। इस जमीन पर निगम ने बोर्ड भी लगा दिया था। लेकिन जैसे ही निगम ने उस जमीन पर बोर्ड लगाया तो स्थानीय लोगों ने अपना मालिकाना हक जताते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की। उसके बाद ईसाई समुदाय ने दूसरी जगह जमीन अलाट किए जाने की मांग की। ईसाई समुदाय के लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए नगर निगम के संपत्ति विभाग ने अर्थला के खसरा नंबर-1394 की 3790 वर्ग मीटर भूमि को ईसाई समुदाय के लोगों के शवों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान की अनुमति दी है।नगर निगम के द्वारा किए गए इस कार्य से ईसाई समुदाय के बेहद राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि इन लोगों के शव को दफनाने के लिए इससे पहले ही नहीं दिल्ली जाना पड़ता था।