बता दें कि गाजियाबाद का प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि के दिन भक्तसें की भीड़ पूजा करने आ रहे हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर में प्राचीन काल में रावण के पिता ने पूजा की थी। रावण ने अपना दसवां सिर भगवान भोले के चरणों में इस मंदिर में अर्पित किया था। चाक—चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार रात से ही मंदिर में भक्तों की कतारें लगी हुई है। लाखों भक्त देश भर से यहां पहुंच रहे हैं।
श्री दूधेश्वर मठ मंदिर के महंत श्री नारायण गिरि महाराज नेे बताया की रात 2 बजे से त्रयोदशी का जलाभिषेक शुरू हो गया है। सोमवार शाम 4 बजेे से चौदस का जलाभिषेक शुरू होगा। उसके बाद में मंगलवार शाम तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई साल बाद ऐसा संयोग आया है। जिसमें त्रयोदशी और चतुर्दशी एक ही दिन में आई है। इस संयोग को बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जा रहा है। इस मुहूर्त में भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना और जलाभिषेक करेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी। उन्होंने बताया कि हर साल लाखों भक्त मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह अलर्ट है। भारी संख्या मेंं पुलिस बल तैैनात किया गया है।