जनपद में हो रही चर्चा शादियों में धूम-धड़ाका आम बात है, और अगर शादी किसी आईएएस अधिकारी की हो तो धूम-धड़ाका भी जोरदार होता है। ऐसी शादियाें के चर्चे तो पूरे जनपद में होते हैं। लेकिन बुधवार को जनपद में आईएएस अधिकारी ने ऐसे शादी की, जिसकी लोगों ने कल्पना भी नहीं की होगी। उनकी शादी भी एक आईआरएस अधिकारी के साथ हुई। इस शादी में न तो बैंड की गूंज सुनाई दी और न ही पटाखों का शोर हुआ। और रिश्तेदारों के नाम पर दूल्हे-दुल्हन के माता-पिता, उनके वकील और चंद कुछ करीबी लोग ही मौजूद रहे।
कविनगर के हैं रहने वाले हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी नवीन कुमार चंद्र की। कविनगर के रहने वाले नवीन 2017 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनके पिता रामदेव गाजियाबाद में सेतु निगम में अकाउंटेंट और मां स्वर्णलता टीचर हैं। नवीन की शादी राजस्थान के गांव सुजानगढ़ की रहने वाली रंजना कुमारी से हुई है। रंजना 2017 बैच की आईआरएस अधिकारी हैं। इस समय दोनों मसूरी एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे हैं। जल्द ही उनको पहली पोस्टिंग भी मिल जाएगी। दोनों ने शादी में फिजूलखर्ची न करके लोगों को एक संदेश देने का फैसला लिया था। इस वजह से उन्होंने सादगी से शादी की।
शादी का कराया रजिस्ट्रेशन इसके लिए उनके परिजनों की भी मंजूरी मिली। इसके बाद बुधवार दोपहर आईएसएस नवीन और आईआरएस रंजना परिजनों के साथ सदर तहसील पहुंचे। वहां उन्होंने सब-रजिस्ट्रार प्रथम रविंद्र मेहता के ऑफिस में शादी का रजिस्ट्रेशन कराया। शादियों में फिजूलखर्ची रोकने का संदेश देने के लिए ही नवीन ने इस तरह से कोर्ट मैरिज की। उनका मामना है कि शादी में फिजूल के खर्चे से लड़की के परिवार पर बोझ पड़ता है। साथ ही पैसे की भी बर्बादी होती है। इस पैसे से वह जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे।
बिना दान-दहेज के की शादी वहीं, नवीन के पिता रामदेव का कहना है कि बेटे के आईएएस अधिकारी बनने के बाद ही उनके पास रिश्ते आने लगे थे। लोग पांच-पांच करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार थे लेकिन बेटे की सहमति से उन्होंने बिना दान-दहेज के सादगी से शादी की।