एयरफोर्स के विंग कमांडर सुरेन खिरबत व अन्य अधिकारी ने शनिवार को एयरफोर्स के अधिकारी एडीएम वित्त एवं राजस्व सुनील कुमार सिंह से मिले। दरअसल में मोरठा और उसके आस-पास का एरिया हिंडन एयरपोर्ट के फ्लाइंग जोन में आता है। यहां लोगों ने अवैध रुप से तालाब बनाकर मछली पालन शुरू कर दिया है। बताया गया है कि इस एरिया में करीब 1 दर्जन से अधिक अवैध तालाब बने हुए है। इन तालाबों की जांच भी कराई गई थी। जांच सहीं निकली है। डीएम ने तहसील, पुलिस और मत्सय विभाग की टीम को 2 दिन में तालाबों से मछलियां निकलाने के निर्देश दिए है। साथ ही पानी निकालकर तालाब सुखाए जाने है। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर कोई हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के आस—पास मछली पालन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मछलियों से यह हैं खतरा दरअसल में एयरपोर्ट के आसपास का एरिया फ्लाइंग जोन कहलताा है। फ्लाइंग जोन में प्रशासन की अनुमति के बगैर मीट फैक्ट्री, मीट की दुकान, डंपिंग ग्राउंड और मछली पालन नहीं किया जा सकता है। इनकी वजह से आसमान में पक्षी रहते हैं। इनसे विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा अधिक रहता है। मछलियों की तलाश में उड़ने वाले पक्षियों की चपेट में विमान हो सकते है। इससे विमान को नुकसान हो सकता है। हिंडन एयरबेस के आस-पास दर्जनों तालाब होने की वजह से खतरा बढ़ा हुआ है। मोरठा गांव के आस-पास में अवैध मछली पालन किया जा रहा है। उधर, एयरफोर्स के अधिकारियों का कहना है कि तालाब रनवे के समीप है। विमानों को लैंडिंग व टेकऑफ के समय बेहद कम ऊंचाई पर होते है। तालाब में मछली होने की वजह से पक्षी आसमान में उड़ते रहते है। ऐसे में ये विमानों को नुकसान पहुंचा सकते है। इसी माह 27 सिंतबर से एयरफोर्स डे को देखते हुए प्रैक्टिस शुरू हो जाएगी। डेली उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या अधिक होगी। तालाब में प्रतिबंधित मांगुर मछली के पालन रोका जा रहा है।