राकेश टिकैत ( rakesh tikait ) के भावुक हाेने से किसानों का आंदाेलन तेज हाे गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम के बाद सबसे पहला बयान रालोद प्रमुख जयंत चाैधरी की ओर से आया। उन्हाेंने कहा कि राकेश टिकैत का परिवार मेरा परिवार है। स्वर्गीय चाैधरी चरण सिंह जी ने जिस वर्ग के लिए काम किया आज वह वर्ग, वह काैम संकट में है। यह भी कहा कि, सभी की जिम्मेदारी बनती है, मैं एक नागरिक के रूप में धरने पर आया हूं। एक सवाल के जवाब में उन्हाेंने कहा कि इंसान काे भावनाएं ही जिंदा रखती हैं। राकेश टिकैत की भावनाएं व्यक्त हुई उनकी भावनाओं से बहुत लाेगाें काे चाेट पहुंची है। किसान कहीं भी था राकेश टिकैत काे देखकर उसकी आंखे नम हुई। उन्हाेंने यह भी कहा कि धरने पर सिर्फ पॉज लगा था फुल स्टॉप नहीं लगा था। जनता की भावनाएं किसानाें के साथ हैं।
गाजीपुर बॉर्डर से अपने प्रिय नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देखकर तो सभी भावुक हाे गए और उन्हाेंने आंदोलन में पहुंचना शुरू कर दिया। रात में ही राकेश टिकैत के सिसाैली गांव में लाेगाें की भीड़ जुट गई। सुबह मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई गई ताे दाेपहर तक वहां बड़ी संख्या में किसान जुट गए। हालांकि पुलिस प्रशासन ने इस महापंचायत काे विफल करने की काफी जद्दोजहद की लेकिन भीड़ के सामने पुलिस और प्रशासन की एक ना चली। मुजफ्फरनगर में जुटी भीड़ ने साफ कर दिया कि किसानाें का आंदाेलन खत्म नहीं हुआ है बल्कि उसे नई ताकत मिल गई है।