दिल्ली से सटे गाजियाबाद के यूपी गेट यानि गाजीपुर बॉर्डर पर कई महीनाें से महीने से बड़ी संख्या में किसान कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर धरने ( Farmer Protest ) पर बैठे हुए हैं। 26 जनवरी को किसानों ने गणतंत्र दिवस में ट्रैक्टर रैली शामिल किए जाने की घोषणा की थी लेकिन गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगह हिंसक घटनाएं हाे गई थी। लाल किले पर धार्मिक झंडा लहरा दिया गया था। तमाम जगह पुलिस और किसानों के बीच टकराव जैसी घटनाएं हुई थी।
उसके बाद गाजीपुर धरने पर बैठे किसानों को हटाने के लिए प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिए थे। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया था किसान लगभग हट ही गए थे लेकिन किसानों के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने एक बार फिर संगठन काे मजबूत कर दिया और गाजीपुर बॉर्डर पर किसाना जुट गए।
यह भी पढ़ें: किसानों ने अब दोबारा से छह फरवरी को देशभर में जाम करने की चेतावनी दी है। दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर को पूरी तरह सील करते हुए लोहे की कील कटीले तार सड़क पर लगाए थे लेकिन अब उन्हे अचानक से हटवाया जा रहा है। दिल्ली पुलि के अफसराें से जब इस बारे में बात की गई ताे उन्हाेंने बताया कि सड़क पर जाे टायर किलर लगाए गए थे अब उन्हे दूसरे स्थान पर लगाया जाना है इसलिए उन्हे हटाया जा रहा है।