गौरतलब है कि गाजियाबाद और समस्त भारत में कान के ऑपरेशन के लिए पहले कान में चीरा लगाया जाता है। उसके बाद ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने एक ऐसा फॉर्मूला ईजाद किया है, जिसके बाद वह कान में बिना चीरा लगाए ऑपरेशन के साथ ही कान में पर्दा बनाने का काम भी करते हैं। इसके बाद मरीजों को बड़ी आसानी से सुनाई देने लगता है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए डॉ. बृजपाल त्यागी ने बताया कि उन्होंने एक एनजीओ भी बनाई हुई है। इसमें तमाम लोग इस कार्य के लिए डोनेशन भी देते हैं और शुरू से ही डॉक्टर त्यागी चैरिटेबल के तहत कम पैसों में ही लोगों के कान के ऑपरेशन करते आए हैं। उन्होंने बताया कि कान के ऑपरेशन में आमतौर पर 10 से 1200000 रुपए खर्च आता है। लेकिन जो पद्धति डॉक्टर त्यागी ने इजाद की है, उसमें बहुत कम खर्च आता है और गरीब लोगों का ध्यान रखते हुए हाल में ही उन्होंने 100 ऑपरेशन किए जाने का फैसला किया है। फिलहाल, यह ऑपरेशन 7 अप्रैल से शुरू किए गए थे और अभी तक 74 सफल ऑपरेशन कर चुके हैं । जल्द ही पूरे 100 ऑपरेशन कर दिए जाएंगे, जो की पूरी तरह मुफ्त किए जा रहे हैं । उन्होंने बताया कि गाजियाबाद की पोस्ट कॉलोनी आरडीसी में फिलहाल यह ऑपरेशन चल रहे हैं । इसके अलावा डॉक्टर त्यागी का कहना है कि वह अन्य डॉक्टर से भी मुलाकात करेंगे, जो कान का ऑपरेशन करते हैं और उन्हें भी इस तरह की तकनीक को अपनाए जाने की सलाह देंगे।
डॉ. त्यागी ने बताया कि उन्हें इस काम के लिए बहुत लोग डोनेशन देकर प्रोत्साहित करते हैं जो डोनेशन उनके चैरिटेबल को मिलता है ।वह सभी पैसा गरीब लोगों के ऑपरेशन में खर्च करते हैं। बहरहाल भले ही डॉ त्यागी ने चैरिटेबल संस्था बनाई हुई हो लेकिन इस संस्था के जरिए तमाम ऐसे गरीब लोगों को लाभ मिल रहा है ।जो अपने कानों की बीमारी के कारण सुनने में असमर्थ रहते थे। और जिन लोगों का डॉक्टर त्यागी द्वारा ऑपरेशन किया जाता है। और वह सुनने में सक्षम हो जाते हैं तो वह लोग इस चैरिटेबल संस्था के साथ साथ डॉक्टर त्यागी को भी भगवान का रूप मान रहे हैं।