अब इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग सभी डिवाइस के लिए एक ही चार्जर का इस्तेमाल कर पायेगे। जिसकी वजह से पैसे और e-Waste से बचा जा सकेगा।अलग-अलग चार्जर खरीदने से भी काफी राहत मिलेगी। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैनड्रैड्स (BIS) ने USB Type-C पोर्ट को नोटिफाई किया है और सरकार से इसे अनिवार्य बनाने की गुजारिश की है। इतना ही नहीं एक अन्य प्रकार के चार्जर को डेवलप करने के लिए काम चल रहा है, जो आमतौर पर पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए यूज किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें: 108MP कैमरे के साथ Samsung Galaxy S22 FE स्मार्टफोन जल्द होगा लॉन्च! लीक हुई कीमत
रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर बात इसके रोलआउट की टाइमलाइन की करें तो प्लान को चरणबद्ध तरीके से करने को लेकर सहमति बनी है ताकि ग्राहकों को ट्रांजिशन में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। e-Waste को कम करने के लिए एक ही चार्जेर बेहतर ऑप्शन है। यूरोपीय संघ भी यूएसबी टाइप-सी अनिवार्य बनाने के समान कारणों का दावा करता है।