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भारत में इस समय अलग-अलग स्मार्टफ़ोन के लिए अलग-अलग चार्जर इस्तेमाल किए जाते हैं, जिसमें सबसे ज़्यादा यूज़ होने वाला चार्जर टाइप-सी होता है। इसके बाद जो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला चार्जर है वो माइक्रो यूएसबी है। हाल ही में यूरोपियन यूनियन ने USB Type-C पोर्ट को कॉमन चार्जर स्वीकार करने का एलान किया है जिसकी घोषणा 2024 में हो सकती है जिससे यूरोपियन देशों में सेल होने वाले सारे डिवाइस के साथ सिर्फ टाइप-सी पोर्ट का ही सपोर्ट मिलेगा।
आजकल हर डिवाइस (स्मार्टफोन, लैपटॉप, अन्य गैजेट) के लिए लोगो को अलग-अलग तरीके के चार्जर ख़रीदने पड़ते हैं और अगर सरकार कॉमन चार्जर का डिसिशन लेती है तो लोगो को बेहद आसानी हो जाएगी क्योंकि एक ही चार्जर से सारे डिवाइस आसानी से चार्ज हो सकेंगे। लोगो को सबसे ज़्यादा दिक्कत एंड्रॉयड और आईफोन डिवाइस के साथ ही होती है।
2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में जितने भी चार्जर की बिक्री हुई थी उनमें काफी सारे माइक्रो बी चार्जर थे, वहीं 29% टाइप-C और 21% लाइटिंग चार्जर थे जो एप्पल के डिवाइस के लिए इस्तेमाल होते हैं। यदि सभी डिवाइसे के लिए के लिए ही चार्जर उपलब्ध होगा तो कोई भी यूजर्स आसानी से अपने डिवाइस को चार्ज कर सकते हैं।